प्रयागराज, एबीपी गंगा।
नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ प्रदेश में जमकर बवाल हो रहा है। बवाल के
चलते कई परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। साथ ही बवाल और कई शहरों में
इंटरनेट सेवाएं ठप होने की वजह से यूपी टीईटी- 2019 परीक्षा को स्थगित कर
दिया गया है।
ये परीक्षा 22 दिसम्बर को यूपी के सभी 75 जिलों में होनी थी।
दो पालियों में होने वाली परीक्षा में साढ़े सोलह लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों
को शामिल होना था। परीक्षा कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी
के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 22 दिसम्बर को होने वाली परीक्षा स्थगित
होने की पुष्टि की है। हालांकि अभी नई तारीखों का एलान नहीं किया गया है।
अनिल भूषण चतुर्वेदी के मुताबिक हालात सामान्य होने पर नई तारीख तय की
जाएगी।
ये परीक्षा सीएए और एनआरसी को लेकर मचे
बवाल की वजह से स्थगित की गई हैं। कई शहरों में हुई हिंसा की वजह से
अभ्यर्थियों को अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में दिक्कत होती। इसके
साथ ही इंटरनेट सेवाएं ठप होने से तमाम अभ्यर्थी अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड
नहीं कर पाए हैं। 22 दिसम्बर को होने वाले परीक्षा के लिए तीन हजार से
ज़्यादा परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
बतादें कि टीईटी टेस्ट शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी परीक्षा होती है। इसे पास किये बिना शिक्षक का चयन नहीं होता है। प्राधिकारी ने इस बार के परीक्षा के लिए साढ़े सोलह लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किया था। इनमे दस लाख तिरासी हज़ार प्राइमरी स्तर के और पांच लाख तिहत्तर हजार उच्च प्राथमिक स्तर के थे।
बतादें कि टीईटी टेस्ट शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी परीक्षा होती है। इसे पास किये बिना शिक्षक का चयन नहीं होता है। प्राधिकारी ने इस बार के परीक्षा के लिए साढ़े सोलह लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किया था। इनमे दस लाख तिरासी हज़ार प्राइमरी स्तर के और पांच लाख तिहत्तर हजार उच्च प्राथमिक स्तर के थे।