Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शहर भले ही छूट जाए, लेकिन पढ़ाई पर अब नहीं लगेगा ब्रेक, जो बच्चा जहां है, उसे वहीं पढ़ाने की सरकार ने बनाई योजना: MHRD

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और अपना काम-धंधा छोड़कर शहरों से पलायन कर गांवों में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुटी है। इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने उनके बच्चों की पढ़ाई पर ब्रेक न लगे, इसे लेकर अहम कदम उठाया है। इसके तहत जो बच्चा जहां है, अब उसे वहीं पढ़ाया जाएगा। इसके लिए मंत्रलय ने एक दिशा-निर्देश जारी कर सभी राज्यों से ऐसे बच्चों का डाटा जुटाने को कहा है। साथ ही निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को बगैर किसी दस्तावेज यानी ट्रांसफर सर्टििफकेट (टीसी) के सिर्फ पहचान पत्र के आधार पर संबंधित कक्षाओं में प्रवेश दिया जाए।

मंत्रलय ने राज्यों को जारी इस दिशा-निर्देश में यह भी कहा है कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई को आगे भी जारी रखने की पूरी व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्हें मिड-डे मील सहित दूसरी सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाए। किताबें, स्कूल ड्रेस आदि उन्हें उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही राज्यों से यह भी कहा है कि वह प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाए, जो शहरों से पलायन कर पहुंचे हैं। मंत्रलय का कहना है कि यह कोशिश की जाए कि कोई भी बच्चा जो शहरों से लॉकडाउन के दौरान गांव पहुंचा है, उसकी पढ़ाई न छूटे। प्रवासी मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने को लेकर पांच बिंदुओं पर जारी इस दिशा-निर्देश में मंत्रलय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इसका डाटा भी तैयार करने को कहा है। इसमें स्कूल छोड़ने वाले बच्चों सहित गांवों में पहुंचे बच्चों का पूरा ब्योरा देने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में मंत्रलय ऐसे बच्चों को कुछ सीधी मदद भी दे सकता है। वैसे भी केंद्र इन दिनों प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार कर उन्हें स्थानीय स्तर पर कुछ काम देने की कोशिश में जुटा हुआ है।

’>>जो बच्चा जहां है, उसे वहीं पढ़ाने की सरकार ने बनाई योजना

’>>राज्यों को बगैर किसी दस्तावेज के स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts