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न्यायिक और पुलिस की नौकरी छोड़कर बन गए शिक्षक

 परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अधिक काम होने का भले ही दावा करते हो, परन्तु शिक्षक बनने का क्रेज अभी कम नहीं हुआ है। 69 हजार भर्ती में रिक्त पदों पर 140 अभ्यर्थियों पर नजर डालें तो किसी ने शिक्षक बनने के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ी तो दो ने न्याय विभाग को अलविदा कह दिया।

शाहजहांपुर में 69 हजार भर्ती के रिक्त पदों पर हुई ज्वार्इंनग में 139 नए शिक्षक मिले हैं। इन शिक्षकों को अभी स्कूलों का आवंटन नहीं हुआ, बल्कि बीएसए कार्यालय में ज्वाइनिंग कराते हुए हर रोज उनकी उपस्थिति दर्ज की जाती है। अहम बात यह है कि 139 युवाओं में कई ऐसे भी थे, जो दूसरे विभागों को छोड़कर शिक्षक बनने आए हैं। बीएसए कार्यालय के लिपिक की मानें तो दो लेखपाल, एक न्यायिक विभाग और दो पुलिस की नौकरी छोड़कर शिक्षक बनने के लिए आए हैं।

माना जा रहा है कि अन्य विभागों की अपेक्षा शिक्षक की नौकरी काफी ज्यादा सुकून देने वाली है। जिसके चलते लोग शिक्षक बनना चाहते हैं।

कई को नहीं मिल सका नो-ड्यूल

-139 अभ्यर्थियों में दूसरे विभाग से आए कई ने ज्वाइनिंग कर ली है, परन्तु कुछ को अभी तक अपने विभाग से नो-ड्यूज नहीं मिल सका। ऐसे में उनकी नियुक्ति अटकी हुई है।

-बीएसए सुरेंद्र सिंह का कहना है कि दूसरे विभागों में 2800 का पेय स्केल होता है, जबकि शिक्षक को 3200 का स्केल मिलता है। शिक्षक को काफी सुविधाओं के साथ छुट्टी भी मिल जाती है। जिसके चलते शिक्षक की नौकरी की तरफ युवाओं का रुझान ज्यादा रहता है।

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