Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

प्रबंधकों ने रोका गुरुजी की घर वापसी का रास्ता, अनुमोदन न मिलने के कारण तबादले से हो गए वंचित

 यह दो मामले तो सिर्फ उदाहरण मात्र हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों के पारदर्शी तबादले की सरकार की मंशा स्कूलों के प्रबंधकों को रास नहीं आई। यही कारण है कि पहली बार ऑनलाइन आवेदन करने वाले आधे से अधिक शिक्षकों की घर वापसी का सपना टूट गया। प्रबंधकों ने सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए आवेदन अनुमोदित करना तो दूर शिक्षकों का शोषण शुरू कर दिया।



तबादले के आवेदन 12 जुलाई से शुरू हुए थे। प्रदेशभर से 2294 शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों ने आवेदन किया। इनमें से तकरीबन 850 तबादले ही अनुमोदित हो सके। अन्य 1400 से अधिक आवेदन पत्रों पर प्रबंधकों की मंजूरी नहीं मिल सकी। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेन्द्र देव ने प्रबंधकों को कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी, पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। 

कोर्ट पहुंचे शिक्षकः ऑनलाइन तबादले में नियम बदलने पर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट भी पहुंच गए हैं। पूर्व में स्थानीय निकाय, नगर निकाय एवं जिला पंचायत के अधीन संचालित स्कूलों के शिक्षकों के तबादले पर कोई रोक नहीं थी, लेकिन 19 जुलाई को डॉ. महेन्द्र देव ने पत्र जारी कर इनके तबादले पर रोक लगा दी थी।


केस-1
अमरोहा के एक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन प्रबंधक ने फॉरवर्ड नहीं किया। शिक्षक ने | डीआईओएस से गुहार लगाई। डीआईओएस ने प्रधानाचार्य को निर्देशित किया। ये बात प्रबंधक तक पहुंची तो उन्होंने प्रधानाचार्य शिक्षक और क्लर्क को घर बुला लिया शिक्षक से जबरिया लिखवाकर ले लिया कि उन्हें तबादला नहीं चाहिए।


केस-2
काल्पी जालौन के एक एडेड कॉलेज के शिक्षक ने स्थानान्तरण के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा था। प्रबंधक को जानकारी हुई तो फॉरवर्ड करना तो दूर शिक्षक को नोटिस जारी कर दी।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts