उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण गड़बड़ी का आरोप लगाकर छात्र लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. इसको लेकर 4 दिसंबर, 2021 अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ रहे थे जिनको रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला...
साल 2019 में यूपी बेसिक शिक्षा परिषद ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था. आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने 22 से 23 हजार सीटों पर आरक्षण नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया. आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में OBC वर्ग के कैंडिडेट्स की कुल सीट 18598 थीं, जिनमें से उन्हें सिर्फ 2637 सीट ही दी गई है. ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की जगह 3.86 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.
वहीं आंदोलनरत अभ्यर्थियों के अनुसार एससी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण की जगह 16.6 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी आरक्षण नियमों का पालन नहीं होने पर यूपी सरकार से जवाब मांगा था. साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई करने को भी कहा था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों के पद पर चयन के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इस भर्ती प्रक्रिया के लिए एग्जाम का आयोजन 2019 में किया गया था.
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