प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान में 14 साल की देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। न्यायालय ने आठ प्रतिशत ब्याज संग बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कृष्णावती की याचिका पर दिया।
संत कबीर नगर की
कृष्णावती के पति राज्य
सरकार के कर्मचारी थे।
सेवाकाल में ही उनकी मृत्यु हो गई। उनका नो ड्यूज सर्टिफिकेट 2005 में जारी और सत्यापित किया गया। इस दौरान याची को कोई सेवानिवृत्त बकाया नहीं दिया गया। इस पर याची ने 2019 में एक याचिका दाखिल की। याची के पक्ष में फैसला आने के बावजूद अधिकारियों ने पालन नहीं किया। इस पर अवमानना याचिका दायर की। अंततः 23 दिसंबर 2019 को बकाया राशि प्रदान की गई। विलंबित भुगतान पर कोई ब्याज नहीं दिया गया। ब्याज की मांग को लेकर वर्तमान याचिका दाखिल की गई। न्यायालय ने पक्षों को सुनने के बाद कहा कि कर्मचारी की मृत्यु परिवार को बेसहारा बना देती है। एक मात्र कमाने वाले के नहीं रहने से परिवार टूट जाता है। ब्यूरो
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