Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

पति से लंबे समय तक अलग रहना संबंध नहीं बनाना क्रूरता : हाईकोर्ट

 प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पति से लंबे समय तक अलग रहना, संबंध न बनाना व विवाह को बचाने के लिए कोई कानूनी प्रयास न करना क्रूरता है। यह टिप्पणी कर कोर्ट ने गाजीपुर के पारिवारिक न्यायालय की तलाक अर्जी खारिज करने का आदेश रद्द कर दिया।


यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह व न्यायमूर्ति डी. रमेश की खंडपीठ ने महेंद्र प्रसाद की याचिका पर दिया। गाजीपुर निवासी महेंद्र प्रसाद की शादी 26 फरवरी 1990 को हुई थी।

महेंद्र इंजीनियर थे और उनकी पत्नी सरकारी विद्यालय में शिक्षक थीं। कुछ विवाद के चलते दोनों अलग-अलग रहने लगे। इसके बाद पति ने तलाक अर्जी दाखिल की, जिसे पारिवारिक न्यायालय रद्द कर दिया। इसे चुनौती देते हुए महेंद्र ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की।

कोर्ट कहा कि शादी के 35 वर्षों में पति-पत्नी बमुश्किल कुछ वर्षों तक ही साथ रहे हैं। पत्नी ने स्वयं अपने पति संग रहने से इन्कार कर दिया है।

प्रतिवादी पत्नी केवल अपनी शादी को कानूनी रूप से जीवित रखना चाहती है। 23 साल से दोनों अलग हैं। पत्नी ने वैवाहिक रिश्ते को पुनर्जीवित करने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही कभी संबंध बनाया। यह क्रूरता है।


Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts