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नवसृजित जिलों के शिक्षकों को बड़ी राहत: 6 माह में होगा GPF भुगतान, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई

लखनऊ। प्रदेश के नवसृजित जिलों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आगामी छह माह के भीतर सभी पात्र शिक्षकों के GPF (सामान्य भविष्य निधि) का भुगतान कर दिया जाएगा। साथ ही, GPF भुगतान में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विधान परिषद में सरकार का स्पष्ट आश्वासन

शुक्रवार को विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों के खातों में निर्धारित समय सीमा के भीतर GPF की राशि पहुंच जानी चाहिए थी। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है।

संतकबीर नगर के शिक्षकों का बकाया जल्द

नेता सदन ने यह भी बताया कि संतकबीर नगर के दो शिक्षकों के लंबित GPF बकाये का भुगतान शीघ्र कराया जाएगा। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रश्नकाल में उठाया गया था मामला

यह मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी द्वारा उठाया गया। उन्होंने पूछा कि

  • नवसृजित जिलों में माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत

    • अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों

    • संस्कृत विद्यालयों
      के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के GPF में जमा धनराशि का मूल जिले में स्थानांतरण हुआ है या नहीं?

  • GPF का भुगतान कब तक किया जाएगा?

GPF न मिलने से परेशान सेवानिवृत्त शिक्षक

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि GPF की धनराशि उपलब्ध न होने के कारण कई सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी भुगतान से वंचित हैं। ऐसे में क्या सरकार दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी?

सरकार का सख्त रुख

सरकार ने सदन में स्पष्ट किया कि

  • GPF भुगतान में देरी गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है

  • दोषी अधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी

  • सभी लंबित मामलों का निश्चित समयसीमा में निस्तारण किया जाएगा

शिक्षकों को मिली उम्मीद

सरकार के इस आश्वासन से नवसृजित जिलों के हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत की उम्मीद जगी है, जो लंबे समय से अपने GPF भुगतान का इंतजार कर रहे थे।

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