🔴 पूरे वर्ष बना रहा शिक्षक संकट
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित सरकारी डिग्री कॉलेज वर्ष 2025 भर शिक्षकों की भारी कमी से जूझते रहे। कई कॉलेजों में नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण शैक्षणिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।
🧑🏫 2–3 शिक्षकों के भरोसे कॉलेज
कुछ डिग्री कॉलेजों में स्थिति इतनी गंभीर रही कि प्राचार्य सहित मात्र दो या तीन शिक्षक ही पूरे कॉलेज का संचालन करते रहे। एक ही शिक्षक को कई विषय पढ़ाने पड़े, जिससे छात्रों को विषय विशेषज्ञता का लाभ नहीं मिल सका।
📉 पढ़ाई और छात्रों पर असर
शिक्षकों की कमी के कारण
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नियमित कक्षाएं नहीं हो पाईं
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पाठ्यक्रम समय पर पूरा नहीं हो सका
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छात्रों की उपस्थिति लगातार कम होती गई
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परीक्षा और मूल्यांकन कार्य में देरी हुई
इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के भविष्य पर पड़ा।
🏫 वर्षों से खाली पड़े पद
कई कॉलेजों में वर्षों से प्राध्यापक पद खाली पड़े हैं। न तो स्थायी भर्ती हुई और न ही पर्याप्त अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई, जिससे समस्या लगातार गंभीर होती चली गई।
🔔 2026 से सुधार की उम्मीद
शिक्षा विभाग द्वारा नए डिग्री कॉलेजों, मॉडल कॉलेजों और स्मार्ट क्लास सुविधाओं की स्वीकृति दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में शिक्षक भर्ती और शैक्षणिक ढांचे में सुधार से स्थिति बेहतर हो सकती है।
⚠️ विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं की गई, तो ग्रामीण और पिछड़े जिलों में उच्च शिक्षा प्रणाली कमजोर होती चली जाएगी।