सातवां वेतन आयोग : 50 प्रतिशत तक बढ़ेगी बेसिक सैलरी
30 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा उत्तर प्रदेश सरकार पर
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30 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा उत्तर प्रदेश सरकार पर
एक जनवरी 2016 से लागू होने वाले सातवें वेतन आयोग का लाभ यूपी के करीब 17
लाख कर्मचारियों को मिलेगा। पांचवें व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को
देखते हुए सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों के मूल वेतन में 40
से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
पांचवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्धि न्यूनतम 40 प्रतिशत थी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले केन्द्र सरकार ने यूपी सरकार से कुछ बिन्दुओं पर सुझाव मांगे हैं। केंद्र सरकार के पत्र का जवाब देते हुए यूपी सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए आर्थिक मदद की मांग भी की है।
सातवें वित्त आयोग के लिए केन्द्र सरकार के साथ यूपी सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। यूपी सरकार की ओर से वेतन आयोग के लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिकारी बताते हैं कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुई थीं। जिसके बाद यूपी सरकार पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आया था। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार का बोझ 15 हजार करोड़ रुपये से बढ़ कर 30 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। 30 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ का आंकलन इस हिसाब से हो रहा है कि छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ।
इन्हें फायदा
राज्यकर्मी, शिक्षक, नान टीचिंग, स्थानीय निकाय, सार्वजनिक निगमों के कुल करीब 17 लाख कर्मियों को
इसलिए बनता है आयोग
देश के विकास की वृद्धि के अनुसार वेतन आयोग बनाया जाता है। सरकार का मानना है कि देश के विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। इसलिए सरकार हर 10वें साल आयोग गठित कर वेतन वृद्धि तय करती है।
पांचवा वेतन आयोग 1 जनवरी 1996, छठा 1 जनवरी 2006 को लागू हुआ था। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू होगा।
केन्द्र सरकार की ओर से कुछ बिन्दुओं पर जवाब मांगा गया था जो भेज दिया गया है। यूपी ने केंद्र से पे कमीशन लागू करने के लिए आर्थिक मदद मांगी है।
- मनोज कु. जोशी, नोडल अफसर 7वां वित्त आयोग यूपी
पांचवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्धि न्यूनतम 40 प्रतिशत थी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले केन्द्र सरकार ने यूपी सरकार से कुछ बिन्दुओं पर सुझाव मांगे हैं। केंद्र सरकार के पत्र का जवाब देते हुए यूपी सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए आर्थिक मदद की मांग भी की है।
सातवें वित्त आयोग के लिए केन्द्र सरकार के साथ यूपी सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। यूपी सरकार की ओर से वेतन आयोग के लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिकारी बताते हैं कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुई थीं। जिसके बाद यूपी सरकार पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आया था। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार का बोझ 15 हजार करोड़ रुपये से बढ़ कर 30 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। 30 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ का आंकलन इस हिसाब से हो रहा है कि छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ।
इन्हें फायदा
राज्यकर्मी, शिक्षक, नान टीचिंग, स्थानीय निकाय, सार्वजनिक निगमों के कुल करीब 17 लाख कर्मियों को
इसलिए बनता है आयोग
देश के विकास की वृद्धि के अनुसार वेतन आयोग बनाया जाता है। सरकार का मानना है कि देश के विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। इसलिए सरकार हर 10वें साल आयोग गठित कर वेतन वृद्धि तय करती है।
पांचवा वेतन आयोग 1 जनवरी 1996, छठा 1 जनवरी 2006 को लागू हुआ था। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू होगा।
केन्द्र सरकार की ओर से कुछ बिन्दुओं पर जवाब मांगा गया था जो भेज दिया गया है। यूपी ने केंद्र से पे कमीशन लागू करने के लिए आर्थिक मदद मांगी है।
- मनोज कु. जोशी, नोडल अफसर 7वां वित्त आयोग यूपी
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