लखनऊ में भी पकड़ी गयीं तीन फर्जी मार्कशीटें : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

राजधानी में भी पकड़ी गयीं तीन फर्जी मार्कशीटें
फर्जी मार्कशीट चाहिए तो लविवि आइये
लखनऊ (एसएनबी)। लखीमपुर खीरी में बीपीएड अनुदेशक बनने के लिए लविवि का फर्जी मार्कशीट लगाने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में फर्जीवाड़ा करने वालों के हौसलें बुलंद होते जा रहे हैं। वर्ष 2010 में मुजफ्फ रनगर डायट ने 18 अभ्यर्थियों की फर्जी मार्कशीट का खुलासा किया था।
इनमें से अधिकतर मार्कशीट लखनऊ विविद्यालय की थीं। मामले में सीबीसीआईडी ने लखनऊ विविद्यालय के नौ कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन वे कर्मचारी आज भी जमे हुए हैं। पिछले 17 जून को भी लविवि में विजलेंस की टीम ने फर्जी मार्कशीट मामले में 15 कर्मचारियों और दो प्रोफेसरों से भी पूछताछ की थी। मामले निजी कंपनियों में फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी करने का था। इस मामले में अभी तक जांच जारी है। विजलेंस ने 15 कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है। विविद्यालय सूत्रों की मानें तो विविद्यालय में हर माह औसतन चार सौ डिग्री वेरीफिकेशन के लिए आती हैं। इनमें एक प्रतिशत डिग्री फर्जी होती हैं। इसके बावजूद भी लविवि डिग्री की सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं देता है। असली और नकली डिग्री की पहचान करने के लिए भी लविवि प्रशासन को पत्रावली पलटना पड़ता है जबकि अन्य विविद्यालय में क्यूआरटी बार कोड आदि की व्यवस्था है। देखकर ही असली और नकली की पहचान हो जाती है।
कुलपति ने बनाई जांच कमेटी
लविवि में डिग्री के लिए नहीं सुरक्षा कोड
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