प्राइमरी के टीचर के लिए सिर्फ बीटीसी
इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाता - बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सिर्फ बीटीसी कोर्स ही संचालित करेगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को इस संबंध में लिखित सूचना भेज दी है।
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इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाता - बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सिर्फ बीटीसी कोर्स ही संचालित करेगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को इस संबंध में लिखित सूचना भेज दी है।
दरअसल एनसीटीई ने एक दिसंबर 2014 की अधिसूचना के बाद यह पूछा था कि 2015-16
सत्र से प्रस्तावित 15 शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में से उत्तर प्रदेश
में किन-किन कोर्स की आवश्यकता है। इसके जवाब में एससीईआरटी ने डिप्लोमा इन
एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) जो यूपी में बीटीसी नाम से चल रहा है, को
संचालित करने की सहमति जताई है।
इसके अलावा प्राथमिक शिक्षकों के लिए कोई दूसरा कोर्स मान्य नहीं किया गया है। एनसीटीई के लिए पाठ्यक्रमों की आवश्यकता संबंधी रिपोर्ट परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने तैयार कर एससीईआरटी को भेजी थी।
पांच अन्य कोर्स को चलाने से इनकार
प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के लिए पांच अन्य कोर्स को यूपी में चलाने से इनकार कर दिया गया है। एनसीटीई के प्रस्तावित डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन (डीपीएसई) कोर्स न चलाने का कारण है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन नर्सरी स्कूल संचालित नहीं है। यूपी में यह कोर्स सीटी नर्सरी और एनटीटी नाम से अब तक संचालित है। डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) इसलिए नहीं चलाया जाएगा क्योंकि अध्यापक सेवा नियमावली में शारीरिक शिक्षा के लिए अलग से अध्यापक रखने की व्यवस्था नहीं है।
डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रोग्राम थ्रू ओपेन डिस्टेंस लर्निंग सिस्टम को न चलाने का कारण है कि यूपी में अप्रशिक्षित अध्यापक रखने की व्यवस्था नहीं है। डिप्लोमा इन आर्ट्स एजुकेशन (विजुअल आर्ट) प्रोग्राम नहीं चलाएंगे क्योंकि दृश्य कला पढ़ाने के लिए अध्यापक नियुक्ति का प्राविधान सेवा नियमावली में नहीं है। डिप्लोमा इन आर्ट्स एजुकेशन (परफार्मिंग आर्ट) प्रोग्राम इसलिए संचालित नहीं होगा क्योंकि अभिनय कला के अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा में नहीं रखे
जाते।
इसके अलावा प्राथमिक शिक्षकों के लिए कोई दूसरा कोर्स मान्य नहीं किया गया है। एनसीटीई के लिए पाठ्यक्रमों की आवश्यकता संबंधी रिपोर्ट परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने तैयार कर एससीईआरटी को भेजी थी।
पांच अन्य कोर्स को चलाने से इनकार
प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के लिए पांच अन्य कोर्स को यूपी में चलाने से इनकार कर दिया गया है। एनसीटीई के प्रस्तावित डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन (डीपीएसई) कोर्स न चलाने का कारण है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन नर्सरी स्कूल संचालित नहीं है। यूपी में यह कोर्स सीटी नर्सरी और एनटीटी नाम से अब तक संचालित है। डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) इसलिए नहीं चलाया जाएगा क्योंकि अध्यापक सेवा नियमावली में शारीरिक शिक्षा के लिए अलग से अध्यापक रखने की व्यवस्था नहीं है।
डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रोग्राम थ्रू ओपेन डिस्टेंस लर्निंग सिस्टम को न चलाने का कारण है कि यूपी में अप्रशिक्षित अध्यापक रखने की व्यवस्था नहीं है। डिप्लोमा इन आर्ट्स एजुकेशन (विजुअल आर्ट) प्रोग्राम नहीं चलाएंगे क्योंकि दृश्य कला पढ़ाने के लिए अध्यापक नियुक्ति का प्राविधान सेवा नियमावली में नहीं है। डिप्लोमा इन आर्ट्स एजुकेशन (परफार्मिंग आर्ट) प्रोग्राम इसलिए संचालित नहीं होगा क्योंकि अभिनय कला के अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा में नहीं रखे
जाते।
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