राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अब इस साल होने के आसार कम ही रह गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने अगस्त में इस परीक्षा को कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था लेकिन तब एनआइसी ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। कार्यालय से नया प्रस्ताव अब तक नहीं भेजा जा सका है और माना जा रहा है कि बीटीसी की प्रवेश प्रक्रिया को देखते हुए हाल-फिलहाल ऐसा करना संभव नहीं है।
वैसे तो साल में दो बार राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निर्देश है लेकिन उत्तर प्रदेश में यह परीक्षा एक बार आयोजित करने में भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षा नियामक कार्यालय ने इससे पहले जो प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था, उसमें 15 जून तक विज्ञापन जारी करने, जुलाई के प्रथम सप्ताह में ऑनलाइन आवेदन मांगने, अगस्त में परीक्षा कराने और 10 अक्टूबर तक परिणाम घोषित करने की तैयारी थी, लेकिन शासन ने इसे संशोधित करने के निर्देश दिए थे। वजह यह थी कि सर्वर की व्यस्तता से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) ने हाथ खड़े कर दिए थे। एनआइसी की वजह से ही परीक्षा नियामक को पूर्व में जुलाई में टीईटी कराने का प्रस्ताव भी रोकना पड़ा था। अब बीटीसी की प्रवेश प्रक्रिया परीक्षा नियामक कार्यालय की प्राथमिकता है और इसके 22 सितंबर तक जारी रहने के आसार हैं। इसके बाद नई तारीख पर विचार किया जा सकता है। एक दूसरा विकल्प यह है कि बीटीसी के प्रवेश के लिए आवेदन लिए जाने के बाद इसकी प्रक्रिया रोकी जाए। फिर टीईटी संपन्न कराकर फिर से बीटीसी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। परीक्षा नियामक कार्यालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है और यदि इस पर अमल किया गया तो नवंबर में टीईटी कराने का एक और प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा सकता है।