नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उन अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने व उन पर निर्णय के लिए समिति गठित की जाए जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने राज्य के बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को निर्देश दिया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन सप्ताह के भीतर समिति गठित की जाए। शीर्ष अदालत ने उन बिंदुओं को भी अंतिम रूप दिया जिनका वह फैसला करेगा। इसमें यह बिंदु भी शामिल है कि क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त किए गए अंक शिक्षकों की नियुक्ति का एकमात्र आधार हो सकता है। शीर्ष अदालत शिक्षा मित्रों के नाम से चर्चित संविदा शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में नियमित करने के यूपी सरकार के फैसले को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस बिंदु पर कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। जिससे उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वह बाद में देखेगा क्योंकि इसमें अभी विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की जा रही हैं। कोर्ट ने रिक्तियों की स्थिति में योग्यता मानदंडों के घटाने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह सात दिसंबर तक यह बताए कि प्रदेश में शिक्षकों के कुल कितने स्थान रिक्त हैं।
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न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने राज्य के बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को निर्देश दिया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन सप्ताह के भीतर समिति गठित की जाए। शीर्ष अदालत ने उन बिंदुओं को भी अंतिम रूप दिया जिनका वह फैसला करेगा। इसमें यह बिंदु भी शामिल है कि क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त किए गए अंक शिक्षकों की नियुक्ति का एकमात्र आधार हो सकता है। शीर्ष अदालत शिक्षा मित्रों के नाम से चर्चित संविदा शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में नियमित करने के यूपी सरकार के फैसले को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस बिंदु पर कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। जिससे उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वह बाद में देखेगा क्योंकि इसमें अभी विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की जा रही हैं। कोर्ट ने रिक्तियों की स्थिति में योग्यता मानदंडों के घटाने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह सात दिसंबर तक यह बताए कि प्रदेश में शिक्षकों के कुल कितने स्थान रिक्त हैं।
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