निम्नलिखित अधिवक्ता जिस याचिका एवं याचिकर्ताओं को रिप्रेजेंट कर रहे
थे सिर्फ उन्हीं 1100 लोग अस्थायी नियुक्ति की दावेदारी कर सकते हैं!
At this juncture, Mr. Rakesh Dwivedi, learned senior counsel, Mr. Neeraj Jain, Mr. Siddharth Dave, Mr. Sanjay Hegde, Mr. Vikas Singh, Mr. Anand Nandan, Mr. Arvind Srivastava, Mr. Ajay Jain, Ms. Rachana Shrivastava, Mr. Avnish Singh, Mr. D.K. Diwari, Mr. Rajiv Dubey,
Ms. S. Janani, Mr. Ashok Kuamr Sharma and Mr. Manoj Prasad learned counsel submit that they represent approximately 1100 people and some arrangement should be made for them. On being asked, Mr. Vijay Bahadur Singh, learned Advocate General submitted that the State has no objection to offer them appointment on ad hoc basis subject to result of the special leave petitions. Let that be done within four weeks hence. Needless to say, no right shall accrue in their favour because of this order.
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उपरोक्त के अलावा अन्य किसी की याचिका (चाहे 11671 हो अथवा कंटेम्प्ट 82/2015अन्य कोई) के याचिकर्ताओं को कोई लाभ नहीं प्रदान किया गया हैं! आदेश की प्रति पोस्ट के साथ संलग्न हैं! जिसमें आप याचिका पर खड़े अधिवक्ता का नाम देख सकते हैं!
नोट:- (उद्देश्य-फर्जीवाड़ा मुक्त याचिका)
1. याचिकाकर्ता बनाने के लिए ईमेल या मोबाइल पर डिटेल मंगाने वाले लोगों से सावधान रहे अन्यथा जेल जाने के लिए तैयार रहे। याचिकाकर्ता बनने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के AOR (Advocate on Record) के वकालतनामा पर स्वयं के हस्ताक्षर अत्यंत आवश्यक हैं। सर्वोच्च न्यायालय को हल्के में लेने वाले, अन्यथा की स्थिति में 420 में जेल जाने को तैयार रहे। वकील की वकालत के साथ साथ आप और आपके नेता भी जायेंगे जेल।
2. सर्वोच्च न्यायालय में पूर्व में दाखिल किसी भी याचिका में याचिकाकर्ता के रूप में शामिल नहीं हो सकते।
________ आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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Ms. S. Janani, Mr. Ashok Kuamr Sharma and Mr. Manoj Prasad learned counsel submit that they represent approximately 1100 people and some arrangement should be made for them. On being asked, Mr. Vijay Bahadur Singh, learned Advocate General submitted that the State has no objection to offer them appointment on ad hoc basis subject to result of the special leave petitions. Let that be done within four weeks hence. Needless to say, no right shall accrue in their favour because of this order.
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उपरोक्त के अलावा अन्य किसी की याचिका (चाहे 11671 हो अथवा कंटेम्प्ट 82/2015अन्य कोई) के याचिकर्ताओं को कोई लाभ नहीं प्रदान किया गया हैं! आदेश की प्रति पोस्ट के साथ संलग्न हैं! जिसमें आप याचिका पर खड़े अधिवक्ता का नाम देख सकते हैं!
नोट:- (उद्देश्य-फर्जीवाड़ा मुक्त याचिका)
1. याचिकाकर्ता बनाने के लिए ईमेल या मोबाइल पर डिटेल मंगाने वाले लोगों से सावधान रहे अन्यथा जेल जाने के लिए तैयार रहे। याचिकाकर्ता बनने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के AOR (Advocate on Record) के वकालतनामा पर स्वयं के हस्ताक्षर अत्यंत आवश्यक हैं। सर्वोच्च न्यायालय को हल्के में लेने वाले, अन्यथा की स्थिति में 420 में जेल जाने को तैयार रहे। वकील की वकालत के साथ साथ आप और आपके नेता भी जायेंगे जेल।
2. सर्वोच्च न्यायालय में पूर्व में दाखिल किसी भी याचिका में याचिकाकर्ता के रूप में शामिल नहीं हो सकते।
________ आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
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