फर्जी अभ्यर्थी चयन में श्री दयाशंकर मिश्र विभागीय जाँच आख्या में दोषी करार।संदेह के घेरे में डायट
प्राचार्य। "पढोगे लिखोगे बनोगे ख़राब दया बाबू से मिलोगे तो बन जाओगे मास्टर साब"
जनपद में 72825 प्रशिक्षु चयन 2011 की
प्रक्रिया में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संसथान "डायट"
हरदोई में प्राचार्य
# श्रीमती_म# श्रीमती_मीरा_पाल
की दया से संस्थान में कार्यरत वरिष्ट लिपिक
श्री #दयाशंकर_मिश्र द्वारा 29 #फर्जी
अभ्यर्थी चयन की #जाँच_आख्या
प्राप्त हुई।इस प्रकरण में कोतवाली सदर
जनपद हरदोई में #प्रथिमिकी भी दर्ज
कराई जा चुकी है।इस प्रकरण में बेसिक शिक्षा
अधिकारी कार्यालय के #बड़े_मिश्रा जी
भी संलिप्त हैं।जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी हरदोई ने दिनाँक- 07/01/16 को
# निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद
उप्र निशातगंज लखनऊ को प्रेषित अपनी जाँच
आख्या में # साक्ष्यों के आधार पर स्पष्ट उल्लेखित किया है
कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण सँस्थान हरदोई
की प्राचार्या श्रीमती
मीरा पाल के द्वारा अपने शासकीय
# दायित्वों के निर्वहन में #शिथिलता बरती जा
रही है।प्राचार्या अपने शासकीय
दायित्वों के निर्वहन में #अक्षम हैं जिसका अनुचित लाभ
डायट हरदोई में कार्यरत #वरिष्ट_लिपिक श्री
#दयाशंकर_मिश्र के द्वारा लिया जाता है एवं समस्त प्रकार
की # फर्जी_अभ्यर्थियों का चयन कर
उन्हें नियुक्ति कराने का प्रयास इत्यादि #अवैधानिक कार्य किया
जाता है।जिसमें प्राचार्या श्रीमती
# मीरा_पाल की # सहमति एवं #संलिप्तता
से इन्कार नहीं किया जा सकता।
बीएसए महोदय ने आख्या में स्पष्ट कहा है कि
श्री #दयाशंकर_मिश्र के कार्य एवं व्यव्हार के
कारण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कि #छवि
जनसामान्य में #अच्छी नहीं है।
श्री #दयाशंकर_मिश्र के द्वारा अपने पद का
# दुरूपयोग करते हुए #अत्यधिक_सम्पत्ति अर्जित
की गयी है जिसकी
# जाँच_भ्रस्टाचार_निवारण संगठन या #सतर्कता_अधिष्ठान
जैसी एजेंसियों से कराया जाना उचित होगा।
यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि
श्री #दयाशंकर मिश्र #डायट_हरदोई में 15 वर्षों
से कार्यरत हैं तथा प्राचार्या स्तर से # अनुशासनात्मक
कार्यवाही कराये जाने का #भय दिखाकर संस्थान में
कार्यरत अन्य #कर्मचारियों पर #दबदबा बनाकर
#नियम_विरुद्ध कार्य कराये जाते हैं।इसलिए उचित होगा कि
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत लिपिक
श्री #दयाशंकर_मिश्र के 15 वर्षों के कार्यकाल
के #क्रियाकलापों की विस्तृत एवं गहन जाँच
करायी जाये।
वैसे दया बाबू पुराने चावल हैं एक जमाने में डायट होस्टल के
#सत्यार्थी_प्रकरण के चर्चित चेहरे रहे हैं।
सत्यार्थी का समर्थन करने वाले एक
#अध्यापक को दया बाबू की अनुकम्पा से डायट
से #तबादला झेलना पड़ा था।डायट की
कैंटीन की डायट भी दया
बाबू ही तय करते हैं।और प्राचार्या के हिस्से में
कितनी भ्रष्टाचार की डायट
पड़ेगी उसका भी निर्धारण दया बाबू
ही करते हैं।
इसको प्राचार्या जी ने बयान में
स्वीकार किया है कि फर्जी
अभ्यर्थियों की सूची पर उनसे
हस्ताक्षर कराये गए।
जिलाधिकारी हरदोई को भी
कार्यवाही के लिए बीएसए महोदय ने
प्रतिलिपी भेजी मगर
डीएम साहब ने 176 लाख मनरेगा घोटाले
की जाँच रिपोर्ट की तरह इस रिपोर्ट
पर भी कोई कार्यवाही
नहीं की।
फ़िलहाल चाहे आवेदन करें या न करें या जितने भी
नम्बर कम हों बस हरदोई में मीरा का भजन हो
दया का करम हो और बीएसए कार्यालय के बड़े
मिश्रा का रहम रहा होगा तो आपको मास्टर साहब बनने से
कोई रोक नहीं सकता।
जाँच आख्या की प्रतियाँ जनहित में सार्वजनिक
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प्राचार्य। "पढोगे लिखोगे बनोगे ख़राब दया बाबू से मिलोगे तो बन जाओगे मास्टर साब"
जनपद में 72825 प्रशिक्षु चयन 2011 की
प्रक्रिया में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संसथान "डायट"
हरदोई में प्राचार्य
# श्रीमती_म# श्रीमती_मीरा_पाल
की दया से संस्थान में कार्यरत वरिष्ट लिपिक
श्री #दयाशंकर_मिश्र द्वारा 29 #फर्जी
अभ्यर्थी चयन की #जाँच_आख्या
प्राप्त हुई।इस प्रकरण में कोतवाली सदर
जनपद हरदोई में #प्रथिमिकी भी दर्ज
कराई जा चुकी है।इस प्रकरण में बेसिक शिक्षा
अधिकारी कार्यालय के #बड़े_मिश्रा जी
भी संलिप्त हैं।जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी हरदोई ने दिनाँक- 07/01/16 को
# निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद
उप्र निशातगंज लखनऊ को प्रेषित अपनी जाँच
आख्या में # साक्ष्यों के आधार पर स्पष्ट उल्लेखित किया है
कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण सँस्थान हरदोई
की प्राचार्या श्रीमती
मीरा पाल के द्वारा अपने शासकीय
# दायित्वों के निर्वहन में #शिथिलता बरती जा
रही है।प्राचार्या अपने शासकीय
दायित्वों के निर्वहन में #अक्षम हैं जिसका अनुचित लाभ
डायट हरदोई में कार्यरत #वरिष्ट_लिपिक श्री
#दयाशंकर_मिश्र के द्वारा लिया जाता है एवं समस्त प्रकार
की # फर्जी_अभ्यर्थियों का चयन कर
उन्हें नियुक्ति कराने का प्रयास इत्यादि #अवैधानिक कार्य किया
जाता है।जिसमें प्राचार्या श्रीमती
# मीरा_पाल की # सहमति एवं #संलिप्तता
से इन्कार नहीं किया जा सकता।
बीएसए महोदय ने आख्या में स्पष्ट कहा है कि
श्री #दयाशंकर_मिश्र के कार्य एवं व्यव्हार के
कारण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कि #छवि
जनसामान्य में #अच्छी नहीं है।
श्री #दयाशंकर_मिश्र के द्वारा अपने पद का
# दुरूपयोग करते हुए #अत्यधिक_सम्पत्ति अर्जित
की गयी है जिसकी
# जाँच_भ्रस्टाचार_निवारण संगठन या #सतर्कता_अधिष्ठान
जैसी एजेंसियों से कराया जाना उचित होगा।
यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि
श्री #दयाशंकर मिश्र #डायट_हरदोई में 15 वर्षों
से कार्यरत हैं तथा प्राचार्या स्तर से # अनुशासनात्मक
कार्यवाही कराये जाने का #भय दिखाकर संस्थान में
कार्यरत अन्य #कर्मचारियों पर #दबदबा बनाकर
#नियम_विरुद्ध कार्य कराये जाते हैं।इसलिए उचित होगा कि
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत लिपिक
श्री #दयाशंकर_मिश्र के 15 वर्षों के कार्यकाल
के #क्रियाकलापों की विस्तृत एवं गहन जाँच
करायी जाये।
वैसे दया बाबू पुराने चावल हैं एक जमाने में डायट होस्टल के
#सत्यार्थी_प्रकरण के चर्चित चेहरे रहे हैं।
सत्यार्थी का समर्थन करने वाले एक
#अध्यापक को दया बाबू की अनुकम्पा से डायट
से #तबादला झेलना पड़ा था।डायट की
कैंटीन की डायट भी दया
बाबू ही तय करते हैं।और प्राचार्या के हिस्से में
कितनी भ्रष्टाचार की डायट
पड़ेगी उसका भी निर्धारण दया बाबू
ही करते हैं।
इसको प्राचार्या जी ने बयान में
स्वीकार किया है कि फर्जी
अभ्यर्थियों की सूची पर उनसे
हस्ताक्षर कराये गए।
जिलाधिकारी हरदोई को भी
कार्यवाही के लिए बीएसए महोदय ने
प्रतिलिपी भेजी मगर
डीएम साहब ने 176 लाख मनरेगा घोटाले
की जाँच रिपोर्ट की तरह इस रिपोर्ट
पर भी कोई कार्यवाही
नहीं की।
फ़िलहाल चाहे आवेदन करें या न करें या जितने भी
नम्बर कम हों बस हरदोई में मीरा का भजन हो
दया का करम हो और बीएसए कार्यालय के बड़े
मिश्रा का रहम रहा होगा तो आपको मास्टर साहब बनने से
कोई रोक नहीं सकता।
जाँच आख्या की प्रतियाँ जनहित में सार्वजनिक
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