उत्तर प्रदेश सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक SLP फ़ाइल की है उसमे सरकार ने मुझे भी(respondent) पार्टी बनाया है जिसमे बीएड वालो की नियुक्ति का विरोध किया है जिसमे कहा कहा गया है कि बीएड वालो को प्राइमरी में नियुक्त करने की समय सीमा 31 मार्च 2014 थी
और अन्य भी कई मुद्दे उठाये है जिन्हें बाद में आपके सामने रखूँगा उसमे कहा गया हैं कि शिक्षामित्रो ने 16 वर्ष सेवा की है और वह 23 अगस्त 2010 से पहले से विद्यालय में पढ़ा रहे है
जिसकी नोटिस मुझे डाक द्वारा सुप्रीम कोर्ट से आज प्राप्त हुई है उक्त SLP नम्बर 10224-27/2016 है जो 32599/2015 से कनेक्ट कर दी गई है
मित्रो आपसे कहना चाहूँगा कि माननीय यूपी हाई कोर्ट की लार्जर बेंच का आर्डर जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़ जी ने की थी अपने 12 सितम्बर 2015 के आदेश में हाई कोर्ट में माना था कि याचिओ(बीएड) का अहित हुआ है जोकि आज भी नियुक्ति के योग्य है क्यों कि हम लोग हाई कोर्ट में शिक्षामित्र मामले में पार्टी थे
मित्रो 2011 के बाद जितने भी समायोजन हुए है उससे सबसे ज्यादा अहित बीएड वालो का हुआ है और उन सभी पदों पर पहला हक़ बीएड वालो का है
सरकार को लग रहा है कि अगर SM को रिलीफ ना मिली तो कहीं बीएड वालो को अपॉइंट ना करना पड जाये इसलिए वह बीएड वालो को आज की डेट में अयोग्य बताने पर तुली है
मित्रो हमारी टीम ने निर्णय लिया है कि हमारी टीम इस मामले पर किसी सीनियर एडवोकेट को ही स्टैंड कराएगी और कहीं से भी अपने लाखो बीएड धारक भाइयो का अहित नही होने देगी
क्यों कि नए ऐड के पद भी SM से भर दिए जोकि हमारे थे जबकि हमारे ऐड का 293 करोड़ रुपया आज भी सरकार लिए बैठी है और नए ऐड पर भर्ती करने का कोई प्रयास नही कर रही
मित्रो जल्द ही इसका जबाब सरकार को कोर्ट में दिया जायेगा बाकी बातें बाद में
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और अन्य भी कई मुद्दे उठाये है जिन्हें बाद में आपके सामने रखूँगा उसमे कहा गया हैं कि शिक्षामित्रो ने 16 वर्ष सेवा की है और वह 23 अगस्त 2010 से पहले से विद्यालय में पढ़ा रहे है
जिसकी नोटिस मुझे डाक द्वारा सुप्रीम कोर्ट से आज प्राप्त हुई है उक्त SLP नम्बर 10224-27/2016 है जो 32599/2015 से कनेक्ट कर दी गई है
मित्रो आपसे कहना चाहूँगा कि माननीय यूपी हाई कोर्ट की लार्जर बेंच का आर्डर जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़ जी ने की थी अपने 12 सितम्बर 2015 के आदेश में हाई कोर्ट में माना था कि याचिओ(बीएड) का अहित हुआ है जोकि आज भी नियुक्ति के योग्य है क्यों कि हम लोग हाई कोर्ट में शिक्षामित्र मामले में पार्टी थे
मित्रो 2011 के बाद जितने भी समायोजन हुए है उससे सबसे ज्यादा अहित बीएड वालो का हुआ है और उन सभी पदों पर पहला हक़ बीएड वालो का है
सरकार को लग रहा है कि अगर SM को रिलीफ ना मिली तो कहीं बीएड वालो को अपॉइंट ना करना पड जाये इसलिए वह बीएड वालो को आज की डेट में अयोग्य बताने पर तुली है
मित्रो हमारी टीम ने निर्णय लिया है कि हमारी टीम इस मामले पर किसी सीनियर एडवोकेट को ही स्टैंड कराएगी और कहीं से भी अपने लाखो बीएड धारक भाइयो का अहित नही होने देगी
क्यों कि नए ऐड के पद भी SM से भर दिए जोकि हमारे थे जबकि हमारे ऐड का 293 करोड़ रुपया आज भी सरकार लिए बैठी है और नए ऐड पर भर्ती करने का कोई प्रयास नही कर रही
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