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2500 शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार , 5186 बीएड मार्कशीट निरस्त कर नाम सार्वजनिक करने की सिफारिश

आगरा : शिक्षा जगत के सबसे बड़े बीएड फर्जीवाड़े की जांच पूरी हो चुकी है। हाई कोर्ट के आदेश पर दो साल से जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने कुलपति को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें विवि प्रशासन से 5186 फर्जी छात्रों की मार्कशीट निरस्त कर उनके नाम सार्वजनिक करने की संस्तुति की है।

विवि के बीएड सत्र 2004-05 में फर्जी छात्रों को मार्कशीट जारी की गई। इसके लिए विवि के अंक चार्ट में फर्जी छात्रों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इसके आधार पर 2500 लोग सरकारी शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। इस प्रकरण में जून 2014 में एसआइटी ने जांच शुरू की। इसके बाद एक के बाद एक फर्जीवाड़े की परत दर परत खुलती चली गई। एसआइटी ने कुलपति प्रो. मोहम्मद मुजम्मिल को 5186 फर्जी छात्रों के नाम, रोल नंबर, कॉलेज का नाम सहित ब्योरा सौंपा है। इन फर्जी छात्रों की मार्कशीट और डिग्री निरस्त करने के साथ राजकीय गजट में डीनोटीफिकेशन करने की संस्तुति की गई है। वहीं, फर्जी छात्रों का ब्योरा वेबसाइट पर दर्ज करने के लिए कहा गया है, जिससे देश के किसी भी हिस्से में बीएड के फर्जी छात्रों के ब्योरा देखा जा सके।
प्रकरण में एसआइटी की संस्तुतियों पर कार्रवाई के लिए कुलाधिपति कार्यालय से अनुमति ली जा रही है। इसके बाद फर्जी छात्रों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
चार हजार पर मुकदमा : एसआइटी अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपेगी। इसमें विवि के 24 तत्कालीन अधिकारी, बीएड और गोपनीय विभाग के कर्मचारियों सहित सरकारी शिक्षक बने चार हजार लोगों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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