जासं, इलाहाबाद: अभी तक 'गुरुजी' स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति लिया
करते थे अब बच्चे 'गुरुजी' की उपस्थिति पर मुहर लगाएंगे। उसके बाद ही
उन्हें ग्रीन सिग्नल मिलेगा। अन्यथा विभाग उन्हें गैर हाजिर मान लेगा।
शिक्षकों के मोबाइल पर रैंडम चेकिंग की योजना शिक्षा विभाग के अफसरों ने बनाई है। शिक्षकों के मोबाइल पर उनकी लोकेशन ली जाएगी।
दरअसल, स्कूलों से गायब रहना शिक्षकों के स्वभाव में शुमार हो गया है। हाजिरी लगाने के बाद स्कूल से गायब होने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसा जा रहा है। जिला मुख्यालय से मोबाइल पर शिक्षकों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। शिक्षक को अपनी उपस्थिति का सबूत बच्चों से बात कराकर देना होगा। इतना ही नहीं शिक्षक कोई गड़बड़ी न कर सकें इसलिए संबंधित छात्र का नाम, कक्षा समेत कई जानकारियां ली जाएंगी। निरीक्षण के दौरान अफसर जांच करेंगे।
बीएसए को ग्रामीण अंचल से शिकायत मिल रही है कि शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंचते हैं। यदि आ भी रहे हैं तो विभागीय कोरम निपटा कर कोई न कोई बहाना बनाकर स्कूल से चले जाते हैं। शिक्षकों के गायब होने की वजह से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। यही कारण है कि अभिभावकों का प्राथमिक स्कूलों से मोह भंग हो रहा है। शिक्षा की गाड़ी को पटरी पर लाने और शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत कराने के उद्देश्य से बीएसए ने यह योजना बनाई है। ताकि स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाई जा सके।
बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि शिक्षकों के मोबाइल पर बीएसए कार्यालय से फोन जाएगा। शिक्षक स्कूल में है कि नहीं यह बताने के लिए विद्यार्थियों से बात करानी होगी। विद्यार्थियों से शिक्षक के आने का समय पूछने के साथ ही क्या पढ़ाया यह पूछा जाएगा। विद्यार्थी का नाम, कक्षा और किस ब्लाक में शिक्षक की तैनाती है, ये सारी जानकारियां रजिस्टर में दर्ज कराई जाएंगी। संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को शिक्षक की डिटेल दी जाएगी।
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शिक्षकों के मोबाइल पर रैंडम चेकिंग की योजना शिक्षा विभाग के अफसरों ने बनाई है। शिक्षकों के मोबाइल पर उनकी लोकेशन ली जाएगी।
दरअसल, स्कूलों से गायब रहना शिक्षकों के स्वभाव में शुमार हो गया है। हाजिरी लगाने के बाद स्कूल से गायब होने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसा जा रहा है। जिला मुख्यालय से मोबाइल पर शिक्षकों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। शिक्षक को अपनी उपस्थिति का सबूत बच्चों से बात कराकर देना होगा। इतना ही नहीं शिक्षक कोई गड़बड़ी न कर सकें इसलिए संबंधित छात्र का नाम, कक्षा समेत कई जानकारियां ली जाएंगी। निरीक्षण के दौरान अफसर जांच करेंगे।
बीएसए को ग्रामीण अंचल से शिकायत मिल रही है कि शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंचते हैं। यदि आ भी रहे हैं तो विभागीय कोरम निपटा कर कोई न कोई बहाना बनाकर स्कूल से चले जाते हैं। शिक्षकों के गायब होने की वजह से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। यही कारण है कि अभिभावकों का प्राथमिक स्कूलों से मोह भंग हो रहा है। शिक्षा की गाड़ी को पटरी पर लाने और शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत कराने के उद्देश्य से बीएसए ने यह योजना बनाई है। ताकि स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाई जा सके।
बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि शिक्षकों के मोबाइल पर बीएसए कार्यालय से फोन जाएगा। शिक्षक स्कूल में है कि नहीं यह बताने के लिए विद्यार्थियों से बात करानी होगी। विद्यार्थियों से शिक्षक के आने का समय पूछने के साथ ही क्या पढ़ाया यह पूछा जाएगा। विद्यार्थी का नाम, कक्षा और किस ब्लाक में शिक्षक की तैनाती है, ये सारी जानकारियां रजिस्टर में दर्ज कराई जाएंगी। संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को शिक्षक की डिटेल दी जाएगी।
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