टीचर पढ़ाने के लिए रखे गए हैं या बाबूगिरी करने के लिए :

वरिष्ठ संवाददाता शिक्षक संघ की राजनीति करते-करते नेताजी टीचर से बिलबाबू बन बैठे हैं। जिले के कई विकासखंडों में शिक्षकों के वेतन बिल बनाने का काम नेताओं के हाथ में होने के कारण वेतन से लेकर एरियर भुगतान तक में शोषण की शिकायतें सुनने में आ रही है।
इससे भी बड़ा सवाल है कि यह टीचर पढ़ाने के लिए रखे गए हैं या बाबूगिरी करने के लिए।बात जब शिक्षक नेताओं की हो तो सवाल और लाजमी है क्योंकि यही नेता गैर शैक्षणिक काम करवाने को लेकर हो-हल्ला करते हैं। बहादुरपुर के वेतन बिल प्रभारी कन्हैयालाल प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष हैं। कोरांव के सत्य प्रकाश पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष हैं तो सैदाबाद के राकेश मिश्र प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष है।कौड़िहार के मसूद प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष और मांडा के राजेश यादव प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक मंत्री हैं। इनके अलावा कई टीचर भी बिल प्रभारी का काम कर रहे हैं। जैसे शंकरगढ़ के वीरेन्द्र सिंह, बहरिया सुभाष यादव, हंडिया रामचन्द्र श्रीवास्तव, धनुपुर कमल गुप्ता और उरुवा के प्रीतम दास शिक्षक हैं।

ब्लाकों में बाबुओं की कमी तो नहीं है। फिर भी शिक्षकों से वेतन बिल बनवाना समझ के बाहर है। मैं पूरे प्रकरण की जांच कर एक-दो दिन में आवश्यक कार्रवाई करूंगा।जयकरन यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

किसी शिक्षक से बिल का काम नहीं लेना चाहिए। संगठन ने यह मांग पूर्व बीएसए से की थी। इसके बावजूद खंड शिक्षाधिकारी क्यों शिक्षकों से बिल का काम ले रहे हैं वे ही जानें।देवेन्द्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्रा. शिक्षक संघ
मिड-डे-मील बनाने की लागत में इजाफा

सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील के लिए मिलने वाली कन्वर्जन कास्ट बढ़ गई है। एक जुलाई से नई दरें लागू कर दी गई है। अब प्राथमिक स्कूल में प्रतिछात्र खाना बनाने के लिए 4.13 रुपये मिलेंगे। अब तक 3.86 रुपये मिलते थे।इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रतिछात्र मिड-डे-मील पकाने के लिए 6.18 रुपये मिलेंगे। पहले प्रतिछात्र 5.78 रुपये कन्वर्जन कास्ट मिलती थी। समन्वयक सुनीत पांडेय ने बताया कि कन्वर्जन कास्ट बढ़ने से हेडमास्टरों को राहत मिलेगी।

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