हर तारीख पर शिक्षा मित्रों का पक्ष कोर्ट मे मजबूती से रखने के लिये बिना कोई रिस्क लिये uppsms गम्भीर

साथियों नमस्कार ! एक कहावत है जो अपने पूर्व अतीत ,इतिहास से कुछ नही सीखता है इतिहास उसे दोबारा सीखने का अवसर न देते हुये उसे हमेशा के लिये मिटा देता है ! एक गाँव मे एक लड़का रोज भेड़ चराने जंगल जाता था ! उसे एक मजाक सूझी ओर उसने गाँव की ओर मुँह करके जोर -जोर से चिल्लाना आरम्भ कर दिया ,,भेडिया आया -भेडिया आया ,,गाँव वाले लाठी भाले लेकर जंगल भागे तो वहाँ कुछ नही था !
फिर उस लड़के ने ऐसा कई वार किया ओर गाँव वाले उसे बचाने हर वार जंगल पहुँचे लेकिन उसकी वात हर वार झूठ निकली ! एक दिन जंगल मे सच मे भेडिया आ गया ओर उस लड़के ने गाँव की ओर मुँह करके बहुत आवाज लगाई लेकिन जिस दिन वह सच बोल रहा था उस दिन कोई उसकी मदद के लिये कोई नही आया ओर भेडिया उसे वास्तव मे ही खा गया !
साथियों उपरोक्त कहानी से हमारा आशय यह है कि 12 सितम्बर 2015 को hc से समायोजन निरस्त करने सम्बन्धित निर्णय आने के बाद लगातार तारीख पर तारीख लगते हुये लग -भग एक वर्ष होने को है ओर कोर्ट हर वार हर तारीख पर अपना अन्तिम निर्णय सुनाने ओर बहस के लिये कहती है जिसके लिये संघ हर तारीख को अन्तिम तारीख मानकर अपने सभी संसाधन कोर्ट मे झोख देता है पर मिलती है तो वस अगली तारीख !!!!!! हर तारीख पर शिक्षा मित्रों का पक्ष कोर्ट मे मजबूती से रखने के लिये बिना कोई रिस्क लिये uppsms गम्भीरता से अपने अधिवक्ताओं के सम्पूर्ण पैनल को खड़ा करता है जिसके लिये sc के नियमानुसार हर वार अधिवक्ताओं को कोर्ट के आरम्भ होने से पूर्व समस्त फीस जमा करनी होती है !कोर्ट मे बहस हो या अगली तारीख लगे अधिवक्ता के कोर्ट मे एक वार खड़ा होने भर से उसकी फीस पूरी हो जाती है ओर अगली वार के लिये फिर नई फीस !
साथियों हमे पदाधिकारियों के माध्यम से पुनः सूचना मिल रही है के शिक्षा मित्र फिर पूर्व की भाँति एक वार फिर sc को लेकर खुश फहमी ,गलत फहमी मे लापरवाही कर संघर्ष शुल्क देने मे आनाकानी करने लगे है जो हमारे भविष्य के लिये ठीक नही है sc मे तारीख अगर 4 माह के लिये लगती है तो आपसे 4 माह मे ही संघर्ष शुल्क वसूला जायेगा ओर यदि रोज लगेगी तो आपसे रोज संघर्ष शुल्क प्राप्त किया जायेगा ! कही ऐसा न हो कि आपकी लापरवाही से अब तक तो हर वार आप कोर्ट मे भेडिया मारने पहुँचे है ओर जिस दिन असली भेडिया (कोर्ट मे सुनवाई) आये ओर आपकी तरफ से कोई खड़ा ही न हो ???
साथियों bed tet के मुकदमे को कोर्ट मे चलते हुये लग -भग 5 वर्ष हो गये है ओर विपक्ष बेरोजगार होते हुये भी आज तरोताजा होकर आपसे आपके बच्चो के मुँह से रोटी छीनने के लिये रोज नित नई slp ,याचिकाएं ओर तरकीबों का प्रयोग कर रहा है ओर संघ ,सरकार ,कोर्ट ओर भगवान के आशीर्वाद से सवेतन स्थगन आदेश पाकर भी जिस डाल पर बैठकर आप शिक्षा मित्र भाई अपने भविष्य के सपने देख रहे हो आप उसी डाल को काटने पर तुले हो ??
हम अन्त मे पुनः एक वार पुनः पूर्व की भाँति सचेत करना चाहते है कि यदि आपको अध्यापक के रुप मे समाज मे आजीवन ससम्मान जीना है तो आपको हर तारीख पर स्वतः ही सहयोग करते रहना चाहिये अन्यथा अपनी लापरवाही करने का एक वार पुनः गम्भीर परिणाम भोगने के लिये तैयार रहे !

धन्यवाद सहित आपका पुनीत चौधरी !

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