नहीं दी जा सकती मनमाने तौर पर अंतरिम राहत

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई करते हुए मनमाने तौर पर अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती।
प्रश्नगत आदेश के अमल पर रोक लगाने का कारण स्पष्ट करना चाहिए। यदि आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो क्या अपूर्णीय क्षति होगी, इसका उल्लेख किए बगैर अंतरिम राहत देना नैसर्गिक विधि सिद्धांतों के विपरीत है।1हाईकोर्ट ने अपर आयुक्त इलाहाबाद कमलेश कुमार सिंह को भविष्य में सावधान रहने की चेतावनी देते हुए आठ दिसंबर, 2016 को पारित आदेश रद कर दिया है, क्योंकि अपील उप आयुक्त (खाद्य) इलाहाबाद को स्थानान्तरित कर दी गई है। इसलिए कोर्ट ने उन्हें दोनों पक्षों को सुनकर दो माह में अपील निर्णीत करने का निर्देश दिया है।1यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने पंकज कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को अधिकारियों को प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि अधिकारी न्यायिक कार्य मानकों व नियमों का पालन करते हुए करे। 1अपर कमिश्नर ने बिना कारण स्पष्ट किये प्रश्नगत आदेश पर अपील विचाराधीन रहने तक रोक लगा दी थी। जिसे कोर्ट ने सही नहीं माना और नए सिरे से अंतरिम आदेश अर्जी पर आदेश पारित करने की भी छूट दी है।

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