सुनवाई का सार कल जो भी हो पर शिक्षामित्रों वाले मेटर पर कल फैसला होता है तो मान लीजिये केस सॉल्व !!!

कल 72,825 भर्ती एवं शिक्षामित्र समेत अब तक की हुई तमाम भर्तियौं पर सुनवाई कोर्ट नम्बर 2 पर मा० दीपक मिश्रा के साथ डबल बेंच में एक एडिश़नल जज और बैठेंगे।
यानी अब तीन जजों की पीठ सुनवाई करेगी। भारत में शिक्षा के लिये मील का पत्थर बनने वाला ये केस इतना पेचीदा और जटिल हो चुका है कि कोई भी जज शामिल होकर केस का फैसले की स्थिति बदल दे ऐसा संभव नहीं है।
यदि साक्ष्यों और सबूतों पर गौर करें तो मा० धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी की उच्च न्यायालय की बृहद पीठ का 91 पृष्ठीय आदेश और एनसीटीई का अभी जारी हुआ शपथपत्र ये चीख-चीखकर कह रहे हैं कि शिक्षामित्रो को अब भारत को कोई भी बड़ा वकील नही बचा सकता।
लेकिन भारत की न्याय व्यवस्था पूर्ण रूप से बिक चुकी है ऐसे परिदृष्य में ये भरोसा करना भी कल्पना मात्र है कि शिक्षामित्रों के खिलाफ ही फैसला हो। फिर भी शिक्षामित्रो के उन्मूलन की 99% आशा रखिये।
इधर 15 एवं 16वें संशोधन के लेकर अन्य भर्तियों में जो उत्पात मचा हुआ है, वो इतना संवेदनशील विषय नहीं है पर भर्तियां रद्द भी हो सकती हैं और निषम भी चेंज हो सकता है इसमें भी कोई दो राय नहीं है।
और अंत में केस अभी खत्म नहीं हुआ तो याची राहत का क्रम आगे बढ़ेगा और हो सकता है कि भविष्य में उत्तर प्रदेश के सारे टीचर याची ही हों क्यूंकि ये ऐसा तरीका है कि जिसमें अध्यापक स्थाई भी नहीं होगा और जीवन पर्यंत मूल वेतन पर नौकरी करेगा और स्थाई होने की मांग करता रहेगा और भारत देश की गांधीवादी परंपरा का 'आंदोलन' को आगे बढ़ाता रहेगा। क्यूकि शिक्षक ही देश का आधार है बाकी और कोई विभाग ज्यादा आंदोलन करते हुये मैने तो नहीं देखे।
खैर, सुनवाई का सार कल जो भी हो पर शिक्षामित्रों वाले मेटर पर कल फैसला होता है तो मान लीजिये केस सॉल्व !!!
धन्यवाद !!!
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