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NCTE के सख्त नियम कायदों के बीच सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति देने का रास्ता

मुजफ्फरनगर: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के सख्त नियम कायदों के बीच मृतक आश्रित को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति देने का रास्ता निकाल लिया गया है।
न्यूनतम योग्यता रखने वाले अप्रशिक्षित मृतक आश्रित को डायट से पहले सेवा पूर्व दो वर्षीय बीटीसी कराई जाएगी। उसके उपरांत टीईटी करने पर उसे सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दे दी जाएगी।
परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित सेवायोजन गत चार सितंबर 2000 से लागू है। इस व्यवस्था के तहत न्यूनतम शैक्षिक योग्यता होने पर अभ्यर्थी को अप्रशिक्षित अध्यापक के रूप में नियुक्त करते हुए बीटीसी का सेवारत प्रशिक्षण दिया जाता था।
लेकिन एक अप्रैल 2010 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के दिशा निर्देश के मुताबिक अप्रशिक्षित मृतक आश्रित को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने पर रोक लगा दी थी। इससे न्यूनतम शैक्षिक योग्यता धारी मृतक आश्रित को पद खाली होने की स्थिति में या तो सहायक लिपिक या फिर चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दिये जाने से अल्प रोजगार की स्थिति पैदा होती जा रही थी।
नए नियम लागू होने के बाद मृतक आश्रित कोटे से सहायक अध्यापक पद नियुक्ति के बावजूद टीईटी उत्तीर्ण न होने के कारण सात सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त की गई थी, जिन्हें बाद में न्यायालय से भी राहत नहीं मिली थी। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सामने आए ऐसे मामलों को केन्द्र में रख शासन ने नए दिशा निर्देश जारी किये हैं।
जिन्हें मुताबिक न्यूनतम योग्यता धारी अप्रशिक्षित मृतक आश्रित को सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति देने के लिए उन्हें डायट से सेवा पूर्व बीटीसी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी।
बीएसए सतेन्द्र कुमार का कहना है कि नए शासनादेश के तहत मृतक आश्रित अभ्यर्थियों को सेवा पूर्व दो बीटीसी प्रशिक्षण डायट से कराया जाएगा, टीईटी उत्तीर्ण करने पर नियुक्ति दे दी जाएगी।
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