सीसैट प्रभावितों को दो अतिरिक्त मौका, यूपीपीएससी के प्रस्ताव पर सरकार ने लगाई मुहर, करीब 40 हजार ओवरएज अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ

इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने सीसैट (सिविल सर्विस एप्टीट्यूट टेस्ट) प्रभावित अभ्यर्थियों की मुराद पूरी कर दी है। तीन बरस से ओवरएज अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग हो रही थी, उस पर नई सरकार की दूसरी कैबिनेट बैठक में ही मुहर लग गई है।
कुछ दिन पहले ही उप्र लोकसेवा आयोग ने कार्मिक विभाग को अपनी अनुसंशा भेजी थी। इस फैसले से करीब 40 हजार युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। 1संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस 2012 से 2015 तक की परीक्षा में सीसैट लागू किया था। इसकी वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके और तय उम्र सीमा को भी लांघ गए। प्रभावित अभ्यर्थी दो अतिरिक्त अवसरों की मांग कर रहे थे। आयोग का तर्क रहा है कि इस मामले में सिर्फ प्रदेश सरकार ही कोई निर्णय ले सकती है। प्रतियोगियों ने यूपी की नई सरकार के समक्ष यह मांग पहुंचाई तो सरकार ने आयोग से रिपोर्ट मांग ली। आयोग ने जल्द ही अपनी अनुशंसा भी कार्मिक विभाग को भेजी। इसका लाभ करीब 40 हजार युवाओं को मिलने की उम्मीद है। आयोग के सचिव अटल कुमार राय ने बताया कि कैबिनेट बैठक में दो अतिरिक्त अवसर दिये जाने के निर्णय का आदेश मिलने पर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। 2013 को ओवरएज हुए अभ्यर्थियों से आवेदन लेने के लिए अलग से विज्ञप्ति जारी की जाएगी। 1पीसीएस 2017 से मिलेगा अवसर 1लोकसेवा आयोग वर्ष 2013 को ही आधार वर्ष मानते हुए प्रभावित अभ्यर्थियों को वर्ष 2017 से ही अतिरिक्त अवसर देने की पूरी तैयारी में है। 1यानी वर्ष 2013, 2014, 2015 व 2016 में ओवरएज अभ्यर्थी दो बार पीसीएस की परीक्षा दे सकेंगे। सूत्रों की मानें तो शासन से यही सिफारिश भी की जा चुकी है। शासन का निर्देश आने के बाद आयोग पीसीएस 2017 के लिए फिर आवेदन मांगेगा, क्योंकि बीते 22 मार्च को ही पीसीएस के लिए पंजीकरण और 27 मार्च को ऑनलाइन आवेदन पूरा हो चुका है। इसमें 300 पदों के लिए चार लाख 57 हजार अभ्यर्थी दावेदारी कर चुके हैं। अतिरिक्त अवसर मिलने पर दावेदारों की तादाद और बढ़ना तय है। यही नहीं पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा की तारीख 21 मई प्रस्तावित है, यह इम्तिहान अब जुलाई में कराने की तैयारी है। 1क्या है प्रकरण 1यूपीएससी ने 2011 की आइएएस परीक्षा में सीसैट को लागू किया था। इसके बाद 2012 से यूपीपीएससी ने भी पीसीएस में इसे लागू किया। यहां 2011 तक एक विषय व सामान्य अध्ययन का इम्तिहान होता था, लेकिन 2012 से विषय की जगह पर सीसैट व सामान्य अध्ययन की परीक्षा होने लगी। यह व्यवस्था 2015 तक लागू रही। 2016 से इसे क्वालीफाइंग कर दिया गया। उसी समय से यूपीपीएससी में दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने की मांग हो रही थी। इसका कारण यूपीएससी का निर्णय रहा है। जहां 2014 में ही क्वालीफाइंग कर दिया गया। साथ ही सरकार ने युवाओं को दो अतिरिक्त अवसर, परीक्षा देने के मौके चार से बढ़ाकर छह और उम्र 30 से बढ़ाकर 32 की गई। इस पर उप्र लोकसेवा आयोग का कहना था कि यह निर्णय केंद्र सरकार का है। इसमें प्रदेश सरकार निर्णय करे।

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