शुभ संध्या साथियों , ये पोस्ट मेरे उन साथियों के लिए आलोचना नहीं वरन एक मेसेज है जो कि बारम्बार भाजपा नेताओं के इर्द-गिर्द परिक्रमा कर रहे हैं |
साथियों आपका मुकदमा देश की सबसे बड़ी अदालत में है और आपको वहां खुद को स्थापित करने के लिए कितने प्रयत्न करने है ये शायद आपको भी नहीं पता है बस या तो ये कहिये कि महादेव की कृपा से पूर्व सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के समायोजन से हुए हमारे अहित को मा० सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान में लेकर सरकार को हमारे लिए आने वाली परेशानियों के लिए स्वयं सोचने को मजबूर किया है और बताने को भी कहा है |
आपका मामला मा० सर्वोच्च न्यायालय में है और वहीँ से आपकी नौकरी के मार्ग प्रशस्त होते हैं उसके अलावा कोई भी सरकार हो कुछ नहीं कर पाएंगे और ये कटु सत्य है जो सिस्टम में होता है शासन के साथ सर्व-प्रथम सहानुभूति उसकी होती है क्यूंकि वो उसे पे कर रहे हैं जो कि स्टेटस शिक्षा मित्रों का है अभी आपका नहीं | आपको अपने लिए न किसी सरकार की जरूरत है और न ही किसी की सहानुभूति की , जरूरत है तो जो रणनीति दिल्ली में जाकर अग्रणियों ने बनाई है उस पर काम करने की बात रही साक्ष्यों , याचिकाओं की तो उसके लिए हिमांशु टीम काफी है जिसके प्रमाण आप समय समय पर देखते रहते हैं , सर्व-प्रथम आपको केस लड़ना है जीतना है उसके बाद आदेश अपने पक्ष में कराकर जहाँ कहेंगे आप वही खड़े मिलेंगे आपको तब सरकार भी हमारी हाँ में हाँ मिलाएगी |
आप लोग कहते हैं भाजपा जॉब देगी , कैसे देगी बताइए ?
आप स्पेशल प्रावधान हेतु वैध हैं प्राथमिक में जॉब करने हेतु नाकि आप मा० सर्वोच्च न्यायालय में हैं तो हर बात आपकी सुनी जाएगी | सर्व-प्रथम RTE act - 2009 section 23 (1) के अनुसार असली जॉब के हकदार ख़त्म होंगे तब अगर भाजपा सोचती है तो पहले केंद्र से 23 (2) के अनुपालन में परमिशन लेना उसके बाद टेट कराना तब भर्ती निकालना आदि आदि , ये सब सोचा है कभी और आप भाजपा को कुछ नहीं कह पाओगे क्यूंकि विधिक ये ही है |
जबकि मा० सर्वोच्च न्यायालय में आपकी पीड़ा 2012 में शिक्षा मित्रों को प्रदान किये गए प्रशिक्षण को आधार मानकर दर्ज कराई गई है हमारे द्वारा एक मात्र नोटिस याचिका में और केवल दो ही याचिकाएं जो कि शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण के विरुद्ध हैं जिनमे भी हमने हमारे अधिकारों का हनन बताया है जिससे ही चंद्रचूड साहब के पूर्ण पीठ के फैसले के C12 में quote कराये गए submission को दिखाकर हम अपने लिए मांग कर सकते हैं परन्तु कोई ये सोचता है कि रिक्तियां बहुत हैं याचियों को ऐसे ही भाजपा दे देगी तो सबसे बड़ी भूल है ये जिसका उल्लेख मैंने इससे ऊपर के पैराग्राफ में किया है |
अब आप स्वयं सोचें कि आप किस दिशा में जा रहे हैं जबकि आपके आने-जाने के बाद भी शिक्षा मित्रों के हित की ही बात सरकार द्वारा की जा रही है | आप सोच रहे होंगे कि भाजपा का क्या फायदा है तो आपको बता दूँ शिक्षक भर्ती को लेकर समस्त वाद मा० सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकार उलझ चुके हैं जिसका जिक्र मैंने पिछले सप्ताह अपनी एक पोस्ट में किया था कि अब यहाँ law से ऊपर उठकर jurisprudence भी मा० न्यायमूर्ति दीपक मिश्र जी सोच रहे हैं |
बहरहाल आपके दिमाग में ये आ रहा होगा कि इसका हो गया है और ज्ञान देने चला है तो बता दूँ कि हिमांशु राणा , दुर्गेश और अमित कभी भी किसी सत्ताधारी के पैरों में नहीं पड़े उल्टा पंगे ही लिए है और तब जाकर पाए है और अपने साथ जुड़े हुए साथियों के लिए भी मा० सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी करेंगे और जिस दिन फाइनल तौर पर सुनवाई चालू हुई उस दिन काम चीखेगा पूरे यूपी में हिमांशु टीम का |
फिलहाल की स्थिति ये है अभी तक केस की तारीख 11 अप्रैल है जिसकी एडवांस लिस्ट शनिवार को और फाइनल लिस्ट सोमवार या मंगलवार तक सुनिश्चित है |
केस मजबूती से लड़ा जाएगा इसकी आप चिंता न करें लेकिन शोध कीजिये कि आपने क्या पाया ?
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका____ हिमांशु राणा
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- माननीय न्यायमूर्ति दीपक मिश्र जी सिविल अपील 4347 केस से नहीं हटेंगे। हटेंगे तो सिर्फ न्यायमूर्ति खानविलकर जी
- CM Meeting updates on Basic Education of UP
- यूपी के सरकारी स्कूलों में 5,32,001 सृजित पदों के सापेक्ष 1,53,307 पद खाली : दुर्गेश प्रताप सिंह
- माननीय दीपक मिश्रा जी ही सुनेंगे हमारा केस , मुख्य वादी स्टेट ऑफ़ यूपी का भी सहयोगात्मक होगा रवैया : मयंक तिवारी बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
- प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन : सूबे में नई सरकार के गठित होते ही मुखर हुए शिक्षामित्र,
साथियों आपका मुकदमा देश की सबसे बड़ी अदालत में है और आपको वहां खुद को स्थापित करने के लिए कितने प्रयत्न करने है ये शायद आपको भी नहीं पता है बस या तो ये कहिये कि महादेव की कृपा से पूर्व सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के समायोजन से हुए हमारे अहित को मा० सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान में लेकर सरकार को हमारे लिए आने वाली परेशानियों के लिए स्वयं सोचने को मजबूर किया है और बताने को भी कहा है |
आपका मामला मा० सर्वोच्च न्यायालय में है और वहीँ से आपकी नौकरी के मार्ग प्रशस्त होते हैं उसके अलावा कोई भी सरकार हो कुछ नहीं कर पाएंगे और ये कटु सत्य है जो सिस्टम में होता है शासन के साथ सर्व-प्रथम सहानुभूति उसकी होती है क्यूंकि वो उसे पे कर रहे हैं जो कि स्टेटस शिक्षा मित्रों का है अभी आपका नहीं | आपको अपने लिए न किसी सरकार की जरूरत है और न ही किसी की सहानुभूति की , जरूरत है तो जो रणनीति दिल्ली में जाकर अग्रणियों ने बनाई है उस पर काम करने की बात रही साक्ष्यों , याचिकाओं की तो उसके लिए हिमांशु टीम काफी है जिसके प्रमाण आप समय समय पर देखते रहते हैं , सर्व-प्रथम आपको केस लड़ना है जीतना है उसके बाद आदेश अपने पक्ष में कराकर जहाँ कहेंगे आप वही खड़े मिलेंगे आपको तब सरकार भी हमारी हाँ में हाँ मिलाएगी |
आप लोग कहते हैं भाजपा जॉब देगी , कैसे देगी बताइए ?
आप स्पेशल प्रावधान हेतु वैध हैं प्राथमिक में जॉब करने हेतु नाकि आप मा० सर्वोच्च न्यायालय में हैं तो हर बात आपकी सुनी जाएगी | सर्व-प्रथम RTE act - 2009 section 23 (1) के अनुसार असली जॉब के हकदार ख़त्म होंगे तब अगर भाजपा सोचती है तो पहले केंद्र से 23 (2) के अनुपालन में परमिशन लेना उसके बाद टेट कराना तब भर्ती निकालना आदि आदि , ये सब सोचा है कभी और आप भाजपा को कुछ नहीं कह पाओगे क्यूंकि विधिक ये ही है |
जबकि मा० सर्वोच्च न्यायालय में आपकी पीड़ा 2012 में शिक्षा मित्रों को प्रदान किये गए प्रशिक्षण को आधार मानकर दर्ज कराई गई है हमारे द्वारा एक मात्र नोटिस याचिका में और केवल दो ही याचिकाएं जो कि शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण के विरुद्ध हैं जिनमे भी हमने हमारे अधिकारों का हनन बताया है जिससे ही चंद्रचूड साहब के पूर्ण पीठ के फैसले के C12 में quote कराये गए submission को दिखाकर हम अपने लिए मांग कर सकते हैं परन्तु कोई ये सोचता है कि रिक्तियां बहुत हैं याचियों को ऐसे ही भाजपा दे देगी तो सबसे बड़ी भूल है ये जिसका उल्लेख मैंने इससे ऊपर के पैराग्राफ में किया है |
अब आप स्वयं सोचें कि आप किस दिशा में जा रहे हैं जबकि आपके आने-जाने के बाद भी शिक्षा मित्रों के हित की ही बात सरकार द्वारा की जा रही है | आप सोच रहे होंगे कि भाजपा का क्या फायदा है तो आपको बता दूँ शिक्षक भर्ती को लेकर समस्त वाद मा० सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकार उलझ चुके हैं जिसका जिक्र मैंने पिछले सप्ताह अपनी एक पोस्ट में किया था कि अब यहाँ law से ऊपर उठकर jurisprudence भी मा० न्यायमूर्ति दीपक मिश्र जी सोच रहे हैं |
बहरहाल आपके दिमाग में ये आ रहा होगा कि इसका हो गया है और ज्ञान देने चला है तो बता दूँ कि हिमांशु राणा , दुर्गेश और अमित कभी भी किसी सत्ताधारी के पैरों में नहीं पड़े उल्टा पंगे ही लिए है और तब जाकर पाए है और अपने साथ जुड़े हुए साथियों के लिए भी मा० सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी करेंगे और जिस दिन फाइनल तौर पर सुनवाई चालू हुई उस दिन काम चीखेगा पूरे यूपी में हिमांशु टीम का |
फिलहाल की स्थिति ये है अभी तक केस की तारीख 11 अप्रैल है जिसकी एडवांस लिस्ट शनिवार को और फाइनल लिस्ट सोमवार या मंगलवार तक सुनिश्चित है |
केस मजबूती से लड़ा जाएगा इसकी आप चिंता न करें लेकिन शोध कीजिये कि आपने क्या पाया ?
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका____ हिमांशु राणा
- Court Order : मा० न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा जी ही करेंगे शिक्षक भर्ती केस की सुनवाई, सारी अटकलें हुईं खत्म: हिमांशु राणा
- UPTET 2011 का समायोजन के लिए अमित शाह से मिले और ज्ञापन दिया। देखे इस फोटो को
- Breaking News : आर्डर - न्यायमूर्ति दीपक मिश्र जी सिविल अपील 4347केस से नहीं हटेंगे , हटेंगे तो सिर्फ न्यायमूर्ति खानविलकर जी
- UPTET केस आर्टिकल 142 के उपयोग के बिना अब संभव नही : द्विवेदी विवेक
- जब ये खबर हमारे समक्ष आई कि मा० न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा जी ने अपना केस रिलीज कर दिया......हिमांशु राणा
- माननीय दीपक मिश्रा जी उ.प्र. की शिक्षक भर्ती मामले से खुद को क्यों किया अलग: नितेश की कलम से
- बिग ब्रेकिंग : जस्टिस श्री दीपक मिश्रा ने बीएड शिक्षक भर्ती और शिक्षामित्र विवाद का मुकदमा छोड़ा: फेसबुक न्यूज़
- जनहित याचिका (PIL) दायर करने की क्या प्रक्रिया है, आइये जानते हैं
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines