निश्चित ही हमें योगी सरकार से उम्मीदें , फ़िलहाल हमें अपना ध्यान अगली सुनवाई हेतु प्रभावी पैरवी पर रखना है : मयंक तिवारी

राम राम साथियों,
आज कुछ तीखा "जब आचार सहिंता में एक जोरदार आंदोलन की आवश्यकता थी तब हमारे बीच के कुछ लोग अत्यधिक दिमाग़ लगा रहे थे, आंदोलन के लाभ-हानि गिना रहे थे और कुछ लोग लखनऊ में कोशिस होती रहे इसके स्थान पर कानपुर के किसी कोने से पैसे के बदले शासनादेश जारी कर रहे थे।
जब हम संकल्प पत्र में शामिल नही हो पाए तो हमें पहली कैबिनेट के फैसले से निराश होने का कोई अधिकार नही है।"
निश्चित ही हमें योगी सरकार से उम्मीदें है और हम पहली कैबिनेट से ही अपनी उम्मीदों को पूरा होता हुआ देखना भी चाहते थे किन्तु हमने जिस जोश के साथ बीजेपी का बूथ लेवल पर अपना समर्थन व् साथ दिया उस जूनून के साथ कभी भी आंदोलन द्वारा संख्या का प्रदर्शन नही किया। यही कारण रहा कि हम संकल्प पत्र में स्थान नही बना सके थे और पहली कैबिनेट के फैसलों में भी।
दोस्तों यह विषय निराश होने का नही बल्कि विचार करने का है और जहाँ तक प्रश्न है योगी सरकार का तो वर्तमान सरकार किसी भी तरह से योग्यता का (हमारा) विरोध नही करेगी ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है और जहाँ तक प्रश्न है शिक्षामित्रों का तो विरोध उनका भी नही करेगी किन्तु जो आदेश माननीय न्यायालय का होगा उसका पालन अवश्य करेगी। फ़िलहाल हमें सरकार तक पहुँचने के साथ-साथ अपना ध्यान अगली सुनवाई हेतु प्रभावी पैरवी पर भी रखना है और विश्वास रखिये अन्ततः विजयश्री आपको अवश्य मिलेगी लेकिन उसके लिए आपको अपना हर संभव प्रयास करना होगा। शेष आंदोलन/रैली की जब आवश्यकता होगी तब बताया जायेगा फ़िलहाल सकारात्मक रहिये।
अंत में दो शब्द.....
तूफानों से आँख मिलाओ,
शैवालों पर वार करो,
मल्लाहों का चक्कर छोडो,
तैरकर दरिया पर करो,
~मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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