उ.प्र.में बेसिक शिक्षा की हालत दयनीय , पूरा विभाग वेंटीलेटर पर : गणेश शंकर दीक्षित

उ.प्र.में बेसिक शिक्षा की हालत दयनीय है ,पूरा विभाग वेंटीलेटर पर है । अधिकारियों को समझ नहीँ आ रहा कि क्या करें ,क्या न करें । आधे से ज्यादा अध्यापक कोर्ट में केस लड़ने में लगे हैं ।
नया सत्र शुरू हो चुका है पर न किताबें हैं और न ही कोई सुधार का प्लान ।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने तो सुधार हेतू 100 दिन का लक्ष्य अधिकारियों को दे दिया है पर ज़मीन पर होता हुआ अभी तक तो कुछ नहीँ दिखाई देता है ।
हाँ , सुधार के नाम पर जिसे देखिये वो अध्यापकों को दोषी मानकर धमकाता हुआ नज़र आता है ।
जबकि अध्यापकों के ऊपरवाले जो बरबादी और भ्रष्टाचार का रायता फैलाये बैठे हैं वो किसी को नज़र नहीँ आता । पूरे विभाग में भेदभाव और भ्रष्टाचार व्याप्त है इसके लिये हल्के फुल्के बदलाव करने से कुछ नहीँ होने वाला , पूरे तंत्र में परिवर्तन करना होगा , सिफारिशों और मक्खनबाजी के बजाय नियम - कानूनों का राज़ स्थापित करना होगा जिसमें कोई भेदभाव न हो ।
आम अध्यापक विभाग कि कारगुजारियों से परेशान है तो वहीँ नेता टाइप अध्यापक तमाम शैक्षिक संगठनों के नाम पर स्कूल छोड़ नेतागिरी फ़रमाते हैं या बीआरसी और बीएसए दफ्तर में दलाली करते नज़र आते हैं , इन पर उपरवालों कि जो गलत कृपा है उसे हटाना ही होगा ।
विभाग में नियम और कानून पालन का आलम ये है कि कानून के अनुरूप योग्य लोग सड़कों पर हैं तो वहीँ कानूनन अवैध घोषित लोगों को लाखों रुपए तनख्वाह रूपी खैरात में लुटाया जा रहा है ।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी व बेसिक शिक्षा मंत्री से अनुरोध है कि विभाग कि असलियत को हकीकत में जानने के लिये खुद ज़मीन पर उतरकर देखें और निवारण हेतू कार्यवाही करें जिससे देश का आधार ये प्राथमिक शिक्षा विभाग अपने योगदान को पूर्ण कर सके ।
अगर प्रदेश के सरकारी स्कूलों का नतीजा अच्छा नहीँ निकला तो प्रदेश पिछडा ही रहेगा क्योंकि विद्यार्थीयों कि आधी आबादी अभी भी इन्हीं प्राइमरी स्कूलों से निकलती है ।
आपका -गणेश शंकर दीक्षित ,टीईटी संघर्ष मोर्चा उ.प्र.

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