जैसा कि सभी को विदित है कि मा० उच्चत्तम न्यायालय में शिक्षक भर्ती को लेकर वाद पर सुनवाई कल कोर्ट न० 13 में न्यायमूर्ति श्री ए०के० गोयल और न्यायमूर्ति श्री यू०यू० ललित जी की बेंच में सुनिश्चित है |
1 ) स्टेट की खंडपीठ इलाहबाद हाई-कोर्ट से हुए टेट मेरिट के पक्ष में फैसले के विरुद्ध आई एसएलपी जिस पर मा० उच्चत्तम न्यायालय के ही अंतरिम आदेशानुसार लगभग 65 हजार पद भरे जा चुके हैं |
2) शिक्षा मित्र वाद जिस पर मा० उच्चत्तम न्यायालय से स्टे और निर्देश के बाद पूर्णपीठ ने डी-बार कर दिया जिसके विरुद्ध स्टेट की एसएलपी के साथ-साथ लगभग सौ एसएलपी आई और मामले पर पुनः स्थगनादेश मा० उच्चत्तम न्यायालय ने दिया |
3) बीएड/टेट अभयर्थियों की नियुक्ति के व्यापक अवसरों के लिए पड़ी अनुच्छेद 32 के तहत परमादेश याचिकाएं जिसमे 167 / 2015 मुख्य और एक मात्र नोटिस याचिका है जिसकी प्लीडिंग 2015 के आदेशों में आप देखें तो समाप्त है बस सुनवाई की दरकार है |
4) अकादमिक की एसएलपी जिनका अस्तित्व स्टेट की मैन एसएलपी में ही है |
5) न्याय की उम्मीद में 2011 से पीड़ित बैठे याची |
उत्तर-प्रदेश की ये हालत जो पूर्व युवा मुख्यमंत्री करके गए हैं वो बहुत ही भयावह रूप लेने वाली है |
1,37,000 शिक्षामित्र + 90,000 लगभग अकादमिक वाले या 65,000 टीईटी वाले जो कि मा० उच्चत्तम न्यायालय के अंतरिम आदेश पर नौकरी कर रहे हैं + 839 अंतरिम व्यवस्था पर कोर्ट द्वारा रखे गए शिक्षक + 70,000 न्याय की उम्मीद में 2011 से पीड़ित बैठे याची |
आंकड़ा जोड़कर देखें तो लगभग सवा दो लाख लोगों की दिनचर्या/जीवन/रोजी-रोटी/व्यवसाय प्रभावित किया है पूर्व युवा मुख्यमंत्री की नीतियों ने |
मा० उच्चत्तम न्यायालय से आने वाले निर्णय के पश्चात उत्तर-प्रदेश में उत्पन्न होने वाली भयावह स्थिति की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक ब्यान देंगे कि हमारी भर्तियों के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने पैरवी नहीं की तो उनसे मेरा सवाल आप मा० उच्चत्तम न्यायालय और मा० उच्च न्यायालय में क्या कर रहे थे ?
बहुत कुछ होने जा रहा है, अतीत से वर्तमान तक का आइना इसलिए दिखाया हूँ कि समस्त पक्ष होने वाले निर्णय के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे |
कल होने वाली सुनवाई पर हो सकता है एक डेट और मिले लेकिन अब ये बेंच निर्णय करेगी जिसकी गाथा ऊपर लिख दिया हूँ |
कौन रहेगा कौन जाएगा भविष्य और न्याय के गर्क में हैं |
मन व्यथित है क्यूंकि दिखाई दे रहा है कि अध्यापक को अपराधी बनने में देर नहीं लगेगी |
to be continued
धन्यवाद
हर हर महादेव
आपका____हिमांशु राणा
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- 11 अप्रैल सर्वोच्च अदालत में शिक्षामित्रों के सावित होगी एक महत्वपूर्ण सुनवाई
- उ.प्र.में बेसिक शिक्षा की हालत दयनीय , पूरा विभाग वेंटीलेटर पर : गणेश शंकर दीक्षित
- 11 को होने वाली सुनवाई की तैयारी , सभी सीनियर्स की ब्रीफिंग आज और कल में : Mayank Tiwari
- यू पी शिक्षक भर्ती मामले में कल निर्णय होने की सम्भावना कम , लेकिन रूप रेखा व जजों का रुख तय : गणेश दीक्षित
- UPTET 72825 और शिक्षामित्रों की कल होने वाली सुनवाई पर हो सकता है एक डेट और मिले लेकिन अब ये बेंच इन मुद्दों पर करेगी निर्णय : हिमांशु राणा की कलम से
- कल 11-04-2017 सभी परिषदीय विद्यालयों में रहेगा अवकाश, देखें नवीन अवकाश तालिका
1 ) स्टेट की खंडपीठ इलाहबाद हाई-कोर्ट से हुए टेट मेरिट के पक्ष में फैसले के विरुद्ध आई एसएलपी जिस पर मा० उच्चत्तम न्यायालय के ही अंतरिम आदेशानुसार लगभग 65 हजार पद भरे जा चुके हैं |
2) शिक्षा मित्र वाद जिस पर मा० उच्चत्तम न्यायालय से स्टे और निर्देश के बाद पूर्णपीठ ने डी-बार कर दिया जिसके विरुद्ध स्टेट की एसएलपी के साथ-साथ लगभग सौ एसएलपी आई और मामले पर पुनः स्थगनादेश मा० उच्चत्तम न्यायालय ने दिया |
3) बीएड/टेट अभयर्थियों की नियुक्ति के व्यापक अवसरों के लिए पड़ी अनुच्छेद 32 के तहत परमादेश याचिकाएं जिसमे 167 / 2015 मुख्य और एक मात्र नोटिस याचिका है जिसकी प्लीडिंग 2015 के आदेशों में आप देखें तो समाप्त है बस सुनवाई की दरकार है |
4) अकादमिक की एसएलपी जिनका अस्तित्व स्टेट की मैन एसएलपी में ही है |
5) न्याय की उम्मीद में 2011 से पीड़ित बैठे याची |
उत्तर-प्रदेश की ये हालत जो पूर्व युवा मुख्यमंत्री करके गए हैं वो बहुत ही भयावह रूप लेने वाली है |
1,37,000 शिक्षामित्र + 90,000 लगभग अकादमिक वाले या 65,000 टीईटी वाले जो कि मा० उच्चत्तम न्यायालय के अंतरिम आदेश पर नौकरी कर रहे हैं + 839 अंतरिम व्यवस्था पर कोर्ट द्वारा रखे गए शिक्षक + 70,000 न्याय की उम्मीद में 2011 से पीड़ित बैठे याची |
आंकड़ा जोड़कर देखें तो लगभग सवा दो लाख लोगों की दिनचर्या/जीवन/रोजी-रोटी/व्यवसाय प्रभावित किया है पूर्व युवा मुख्यमंत्री की नीतियों ने |
मा० उच्चत्तम न्यायालय से आने वाले निर्णय के पश्चात उत्तर-प्रदेश में उत्पन्न होने वाली भयावह स्थिति की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक ब्यान देंगे कि हमारी भर्तियों के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने पैरवी नहीं की तो उनसे मेरा सवाल आप मा० उच्चत्तम न्यायालय और मा० उच्च न्यायालय में क्या कर रहे थे ?
बहुत कुछ होने जा रहा है, अतीत से वर्तमान तक का आइना इसलिए दिखाया हूँ कि समस्त पक्ष होने वाले निर्णय के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे |
कल होने वाली सुनवाई पर हो सकता है एक डेट और मिले लेकिन अब ये बेंच निर्णय करेगी जिसकी गाथा ऊपर लिख दिया हूँ |
कौन रहेगा कौन जाएगा भविष्य और न्याय के गर्क में हैं |
मन व्यथित है क्यूंकि दिखाई दे रहा है कि अध्यापक को अपराधी बनने में देर नहीं लगेगी |
to be continued
धन्यवाद
हर हर महादेव
आपका____हिमांशु राणा
- 11 अप्रैल को शिक्षामित्रों का पक्ष में सुप्रीमकोर्ट में बहस करेंगे यह टॉप मोस्ट वकील
- इस बार शिक्षामित्रों का सुप्रीमकोर्ट में केस का होगा फाइनल डिस्पोजल, देखें कोर्ट द्वारा की गई लिस्टिंग
- 11को होने वाली सुनवाई की तैयारी हेतु सभी सीनियर्स की ब्रीफिंग : Mayank Tiwari
- 72825 से चयनित किसी भी शिक्षक मित्र को घबराने की या डरने की आवश्यकता नही : Rakesh Yadav
- सूबे में 5 लाख सरकारी पदों पर भर्ती शीघ्र, नई सरकार कर रही भर्ती की तैयारियां
- त्रिपुरा केस - सुप्रीम कोर्ट: क्या था मामला और इस शिक्षक भर्ती केस का सम्पूर्ण विवरण
- Big News : उत्तर प्रदेश में भी त्रिपुरा तर्ज पर अगर हाई कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट बकरार रखती है तो फिर क्या होगा
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines