शिक्षामित्र समायोजन गंभीर संकट में , इसका बच पाना लगभग असंभव : द्विवेदी विवेक

आज की सुनवाई का सार यह है कि शिक्षामित्र समायोजन गंभीर संकट में है और इसका बच पाना लगभग असंभव है। रमणी साहब आज कोर्ट में इसको बचाने के लिए 150000 पद टेटपास लोगों को देने को तैयार हो गए थे परंतु ये मामला दया का नहीं जस्टिस का है जिसपर जजद्वय पिघलने को तैयार नहीं हैं। आज सुनवाई का प्रारंभ सूर्यकांत की slp से हुआ जो वर्गीकरण पर फाइल की हुई है।
जिसपर अजीत सिन्हा साहब ने अपना पक्ष रखा। जज इस बात से सहमत थे कि आपके तथ्य सही हैं परंतु आप लेट हैं। सूर्यकांत की slp और इससे संबंधित ia कोर्ट ने एक्सेप्ट कर ली। इस slp/ia के पेटिशनर्स राहत पा सकते हैं। तत्पश्चात विभा मखीजा मैडम ने 839 को बेस बनाकर याची राहत की जमकर पैरवी की। लंच के ठीक पहले आनंद नंदन ने बीएड की ओर से शिक्षामित्र मैटर एवं परमादेश याचिका पर शानदार तरीके से अपना पक्ष रखा। लंच के बाद रमणी साहब ने स्टेट की तरफ से 72825, शिक्षामित्र मैटर और 15/16 पर पक्ष रखा। परंतु पीठ संतुष्ट नहीं हुई। अंतिम एक घंटे में एक बार फिर बीएड टेट का पक्ष मजबूती से रखा गया। जब स्टेट द्वारा कहा गया कि अगर समायोजन अवैध हुआ तो बेसिक शिक्षा की नींव चरमरा जायेगी और हम व्यवस्था नहींकर पाएंगे तब पीठ द्वारा कहा गया कि आप परेशां मत हों हम इसका इंतजाम करेंगे..
फैसला आज ही संभव था परंतु एक बार फिर से शिक्षामित्रों के बड़े वकीलों द्वारा रेजोइंडर के लिए 17 मई की डेट ले ली गयी।
अतः दि0 17 मई 2017 को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर शिक्षामित्र मेटर पर पुनः सुनवाई होगी। राम जेठमलानी व शांति भूषण जी ने रेजॉइंडर के लिए पुनः समय मांगा, और पीठ ने समय भी दे दिया...
ये सुनवाई देर रात तक चलने की संभावना है... इसके साथ ही 17 मई को ही संशोधन 15/16 पर भी सुनवाई होगी। आज की सुनवाई से टेटपास बीएड में एक नयी आशा का संचार हुआ है। 17 मई को यदि सबकुछ ठीक रहा तो निश्चित ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इतिहास लिखा जायेगा।
धन्यवाद!
द्विवेदी विवेक
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