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कोर्ट के आदेश से शिक्षामित्रों को झटका, समायोजित शिक्षक शिक्षिकाओं की उम्मीदें कायम

सुप्रीम कोर्ट ने बगैर टीईटी शिक्षण कार्य कर रहे समायोजित शिक्षकों के संबंध में फैसला सुनाया है, जिससे समायोजित शिक्षक हतप्रभ रह गए।
अभी भी समायोजित शिक्षक शिक्षिकाओं की उम्मीदें कायम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टीइटी परीक्षा पास करने के लिए दो मौके देने का ऐलान किया है। इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देशित किया है।
जनपद भर में 1230 प्राथमिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। सपा सरकार ने शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन कर दिया था। जनपद में प्रथम चरण में 545 और द्वितीय चरण में 1095 शिक्षामित्र समायोजित शिक्षक बन गए थे। इस प्रकार जनपद भर में 1630 समायोजित शिक्षक कार्य कर रहे हैं, जबकि 127 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। समायोजित शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता को लेकर पूरा प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां पर काफी समय से सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्र प्रकरण में फैसला सुनाया है। फैसले में कहा गया कि एक लाख 38 हजार शिक्षामित्र शिक्षामित्र बने रहेंगे। इस फैसले से समायोजित शिक्षकों को दु:ख पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी पास करने के लिए दो मौके दिए हैं, जो कुछ राहत वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही जनपद के समायोजित शिक्षकों में खलबली मच गई। समायोजित शिक्षक आपस में जानकारी जुटाने लगे और प्रांतीय संगठन से संपर्क में जुट गए। शाम तक अदालती आदेश में सबकुछ क्लियर हो गया। जनपद में बगैर टीईटी पास करीब 300 समायोजित शिक्षक हैं, जिन्हें टीईटी पास करना आवश्यक होगा। उनकी नौकरी टीईटी परीक्षा पर ही आधारित होगी। अब उन्हें टीईटी परीक्षा पास करने की ¨चता सताने लगी है। टीईटी पास करने के लिए दो मौके दिए जाएंगे। बगैर टीईटी वाले समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र ही रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से समायोजित शिक्षक आहत हैं, लेकिन अभी भी उम्मीदें कायम हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्र मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए हैं। समायोजित शिक्षकों को टीईटी करने के लिए दो बार चांस दिया जाए। राज्य सरकार को लाभांश देने की छूट दी है। अभी डिटेल में फैसला नहीं प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार कोई न कोई बीच का रास्ता जरूर निकालेगी। संगठन के निर्देशों के अनुरूप ही काम किया जाएगा।
-महेंद्रपाल वर्मा, जिलाध्यक्ष
आदर्श शिक्षामित्र शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन।
वर्ष 2001 से शिक्षामित्र स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। स्कूलों में पढ़ाने का सोलह साल का अनुभव हो गया है। टीईटी पास की अनिवार्यता की गई है, जो किसी भी दशा में उचित नहीं है। हम सभी की काफी आयु हो चुकी है। कहां जाएंगे। समायोजित शिक्षक सभी स्नातक हो चुके हैं, कोई भी इंटरमीडिएट पास नहीं रह गया है। प्रांतीय संगठन के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
-राम ¨सह राठौर, वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र शिक्षक संघ, बरेली मंडल।
फैक्ट फाइल
समायोजित शिक्षक की संख्या : 1630
बगैर टीइटी शिक्षक : 1330
टीईटी पास शिक्षक : 300
शिक्षामित्र कार्यरत : 127
प्राथमिक विद्यालय : 1230

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