शिक्षामित्रों की तर्ज पर अब रसोईयों ने भी धरना किया शुरू, सीएम योगी के सामने रखी ये मांगे

सहारनपुर। भाेजन रसाेईयां ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि वह एक हजार रुपये में अपने घर काे कैसे चलाएं। इतनी रकम में ना ताे वह अपने बच्चाें काे ठीक से पढ़ा पाते हैं आैर ना ही घर का खर्च ही चल पाता है।
इन्हाेंने उत्तर प्रदेश के सीएम याेगी आदित्यनाथ से भाेजन रसाेईयाें का मानदेय कम से कम दस हजार रुपये किए जाने की मांग की है।
ये हैं भाेजन रसाेईयां
दरअसल सरकारी स्कूलाें में मिड-डे मील बनाया जाता है आैर स्कूल जाने वाले बच्चाें काे स्कूल में ही खाना पराेसा जाता है। यहां स्कूलाें में जाे महिलाएं खाना पकाती हैं उन्हें ही भाेजन रसाेईयां कहा जाता है। इन्हें सरकार की आेर से एक हजार रुपये मानदेय मिलता है आैर इनकी सेवाएं भी अस्थाई हाेती हैं। इन्हीं रसाेईयां का कहना है कि एक हजार रुपये बेहद कम है। मानदेय बढ़ाकर कम से कम दस हजार रुपये किया जाना चाहिए।
गांधी पार्क में दिया धरना
भाेजन रसाेइयां संगठन के बैनर तले जिलेभर की रसाेईयां ने गांधी पार्क में धरना दिया आैर इस दाैरान इन्हाेंने जमकर नारेबाजी करते हुए साफ कह दिया कि जब तक मांग काे नहीं मान लिया जाता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। इन्हाेंने कहा है कि ये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के सामने भी अपनी बात काे रखेंगी कि आखिर किस तरह से यह एक हजार रुपये में अपना घर चला सकती हैं।
संगठन में भी फूट
रसाेईयां संगठन से जुड़ी जाे महिलाएं घरना दे रही थी, इनका नेतृत्व कर रही जिलाध्यक्ष गंगा देवी ने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर खुला आराेप लगाया। उन्होंने बताया कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सहारनपुर में आकर पिछले सप्ताह महिलाओं से 200-200 रुपये इकट्ठा करके ले गए। जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष संगठन के नाम पर महिलाआें से पैसे लूट रहे हैं आैर प्रदेशभर से उन्हाेंने लाखाें रुपया इकट्ठा कर लिया है।
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