सहारनपुर. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब शिक्षामित्र भी दो फाड़ हो गए हैं। अभी तक सभी शिक्षामित्र एक साथ आंदोलन कर रहे थे और यह आवाज उठा रहे थे कि सरकार उनको किसी अन्य तरीके से समाहित करे, ताकि उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा ना हो।
रविवार को सहारनपुर में अलग ही नजारा देखने को मिला। अब शिक्षामित्रों में भी दो फाड़ हो गया है। स्नातक के साथ-साथ बीटीसी और टीईटी कर चुके शिक्षामित्रों ने अपने आपको सामान्य शिक्षा मित्रों से अलग कर लिया है। अब इन्होंने अपने आंदोलन को भी सभी शिक्षामित्रों से अलग होकर शुरू किया है और इनका साफ कहना है कि हम सामान्य शिक्षा मित्र नहीं हैं, जो शिक्षामित्र हमारे जितनी क्वालिफिकेशन नहीं रखते उनके बारे में सरकार क्या फैसला लेती है यह अलग बात है, लेकिन जो शिक्षामित्र बीटीसी के साथ-साथ टीईटी कर चुके हैं और टीईटी करने के बाद ही शिक्षामित्र बने हैं कम से कम उनको तो सरकार समाहित करने का काम करे।
मुख्यमंत्री को भेजा है यह ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे ज्ञापन में अब इन शिक्षामित्रों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में 1,37000 शिक्षकों का समायोजन निरस्त कर दिया गया है, लेकिन 22,000 शिक्षामित्र ऐसे हैं जिन्होंने BTC और TET उत्तीर्ण की है। इन शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेशों में यथावत शिक्षक पद पर बनाए रखने की बात कही है। यह कहते हुए अभिन्न शिक्षामित्रों ने मांग की है कि प्रदेश के 22000 ऐसे शिक्षामित्रों को सरकार जल्द से जल्द समायोजित करे जिन्होंने बीटीसी के साथ टीईटी की परीक्षा को भी पास किया है।
रामलीला मैदान में दिया धरना
इन शिक्षामित्रों ने रविवार को सहारनपुर के रामलीला मैदान में धरना दिया और इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से खुद को समायोजित कराए जाने की मांग उठाई। सिर्फ मांग ही नहीं उठाई इन शिक्षामित्रों ने चेतावनी भरे शब्दों में यह भी कहा कि अगर सरकार उनकी इस मांग को अब गंभीरता से नहीं लेती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और आंदोलन भी करेंगे।
मुख्य रूप से ये रहे शामिल
सहारनपुर धरना स्थल पर धरना देने वाले शिक्षामित्रों में मुख्य रूप से जीशान अहमद, अवतार सिंह, नरेश कुमार, सचिन शर्मा, देवेश कर्णवाल, नीरज त्यागी, संदीपा, पुष्पा, जगत सिंह, संदीप, राकेश, विनोद और अली हसन समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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रविवार को सहारनपुर में अलग ही नजारा देखने को मिला। अब शिक्षामित्रों में भी दो फाड़ हो गया है। स्नातक के साथ-साथ बीटीसी और टीईटी कर चुके शिक्षामित्रों ने अपने आपको सामान्य शिक्षा मित्रों से अलग कर लिया है। अब इन्होंने अपने आंदोलन को भी सभी शिक्षामित्रों से अलग होकर शुरू किया है और इनका साफ कहना है कि हम सामान्य शिक्षा मित्र नहीं हैं, जो शिक्षामित्र हमारे जितनी क्वालिफिकेशन नहीं रखते उनके बारे में सरकार क्या फैसला लेती है यह अलग बात है, लेकिन जो शिक्षामित्र बीटीसी के साथ-साथ टीईटी कर चुके हैं और टीईटी करने के बाद ही शिक्षामित्र बने हैं कम से कम उनको तो सरकार समाहित करने का काम करे।
मुख्यमंत्री को भेजा है यह ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे ज्ञापन में अब इन शिक्षामित्रों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में 1,37000 शिक्षकों का समायोजन निरस्त कर दिया गया है, लेकिन 22,000 शिक्षामित्र ऐसे हैं जिन्होंने BTC और TET उत्तीर्ण की है। इन शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेशों में यथावत शिक्षक पद पर बनाए रखने की बात कही है। यह कहते हुए अभिन्न शिक्षामित्रों ने मांग की है कि प्रदेश के 22000 ऐसे शिक्षामित्रों को सरकार जल्द से जल्द समायोजित करे जिन्होंने बीटीसी के साथ टीईटी की परीक्षा को भी पास किया है।
रामलीला मैदान में दिया धरना
इन शिक्षामित्रों ने रविवार को सहारनपुर के रामलीला मैदान में धरना दिया और इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से खुद को समायोजित कराए जाने की मांग उठाई। सिर्फ मांग ही नहीं उठाई इन शिक्षामित्रों ने चेतावनी भरे शब्दों में यह भी कहा कि अगर सरकार उनकी इस मांग को अब गंभीरता से नहीं लेती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और आंदोलन भी करेंगे।
मुख्य रूप से ये रहे शामिल
सहारनपुर धरना स्थल पर धरना देने वाले शिक्षामित्रों में मुख्य रूप से जीशान अहमद, अवतार सिंह, नरेश कुमार, सचिन शर्मा, देवेश कर्णवाल, नीरज त्यागी, संदीपा, पुष्पा, जगत सिंह, संदीप, राकेश, विनोद और अली हसन समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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