किसने कहा था कि जब तक केस फाइनल न हो तुम लोग लोन निकाल कर गाड़ी खरीदो , मकान बनाओ

इन शिक्षा मित्रों को हराम वाला बिना टेट पास किये , सहायक अध्यापकी का पद चाहिए , और इन मूर्खों को किसने कहा था कि जब तक केस फाइनल न हो तुम लोग लोन निकाल कर गाड़ी खरीदो , मकान बनाओ , और
इनके बच्चे प्राइवेट cbse स्कूलों में , खुद आए दिन बेसिक की पढ़ाई को चौपट किए हुए हैं ये क्या है , सिर्फ गुंडागर्दी , धरना प्रदर्शन ,दफ्तरों में तोड़ फोड़ , गाली गलौज , जज को गोली , इस्लाम कबूलना , सब कुछ करेंगे , पर sc का आदेश नहीं मानेंगे , एकदम पैर सांतवें आसमान से भी ऊपर थे जब धड़ाम से गिरे तब औकात पता लगी , सारी बेसिक की शिक्षा की ऐसी तैसी कर के रखी है , और कहते हैं सम्मान वापस दो , जैसे बॉर्डर पर कोई युद्ध लड़ कर आए हों , जो इन्हें मैडल दिया जाये , कुछ नहीं ये सरकार के कर्म हैं जो सरकारें झेल रहीं , और ये तो देखो पूरी 1.72 हजार की फौज खड़ी की है , इतने सालों में अगर पढ़े लिखे लोगों , योग्यता पूरी करने वाले लोगों के लिए वेकैंसी निकालीं होतीं , और इनका समय समय नियत मानदेय बढ़ा दिया होता , तो ये न होता , पहले गलत तरीके से ट्रेनिंग, फिर समायोजन , सर पर बैठाया गया और अब ये नीचे उतरने को राजी नहीं , एक ही तरीका है , अबकी इन पर शक्ति से लाठी बजाई जाए , तब ठीक , सरकार से नाजायज काम कराने का मतलब समझ आ जाए , वैसे इमोशनल ब्लैकमेलिंग अगर सीखनी हो तो इनसे सीखी जाये , इनके लिए 10000 का मानदेय भी कम , जबकि इनसे कंही बहुत ज्यादा काबिल , मानक और योग्यता पूरी करने वाले 10000 से भी कम मे अपना पूरा परिवार कैसे चलाते हैं , ये क्या जानें , ये क्या जानें क्योंकि इनको अपनी योग्यता से बढ़कर , हराम वाला समायोजन जो मिला था । और उसका नशा अभी तक उतर नहीं , एक ही हल , अबकी कर दो लाल , सरकार दिखा दे कि हम नजायज अब नहीं करने वाले ।

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