शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाने को चयन बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग तेज

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का विलय कब होगा, यह तो शासन के निर्णय पर निर्भर है, लेकिन इस कवायद के बीच उन सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो चला है जिनकी भर्तियां और परीक्षाएं इसके चलते ठप पड़ी हैं।
चयन बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों ने पहले ही इस्तीफा सौंप दिया है, एकमात्र सदस्य डॉ.आशालता सिंह का ही इस्तीफा शेष रह गया है। ऐसे में अपने भविष्य को लेकर चिंतित प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन कर शासन तक अपनी बात पहुंचाने की ठान ली है। चयन आयोग प्रतियोगी मोर्चा ने सोमवार से आंदोलन को धार देने का फैसला किया है। अध्यक्ष शेरसिंह का कहना है कि दिन में 11 बजे से चयन बोर्ड का घेराव होगा फिर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया जाएगा। कहा कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति न कर सरकार प्रतियोगी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। वर्ष 2011 और 2016 की भर्तियां फंसी हैं। कई परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और भर्ती प्रक्रिया प्रभावित है। कहा कि जब तक सरकार चयन बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए लिखित आश्वासन नहीं देगी तब तक प्रतियोगी मोर्चा, बीएड उत्थान मोर्चा, टीजीटी-पीजीटी मोर्चा मिलकर आंदोलन करते रहेंगे। कहा कि अभी तो क्रमिक अनशन से शुरूआत की जा रही है, आगे दिनों में मांग पूरी न हुई तो आमरण अनशन भी किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रतियोगी छात्र इससे पहले शिक्षामंत्री से भी मिलकर अपनी समस्या बता चुके हैं, जिसमें उन्हें शीघ्र ही उचित कदम उठाए जाने का आश्वासन मिला था।

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