इलाहाबाद (जेएनएन)। सहायक अध्यापक पद से शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद खाली हुए एक लाख 65 हजार 157 पदों की रिक्तियां शिक्षक भर्ती से पूरी करने के खिलाफ शिक्षामित्रों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। इसकी सुनवाई अब 22 मार्च को होगी।
ऐसे ही अन्य मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ कर रही है। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन कुशीनगर की याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने भर्ती को याचिका के निर्णय की विषयवस्तु करार दिया है। याची के अधिवक्ता केएस कुशवाहा का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों का समायोजन अवैध मानते हुए रद कर दिया है, जबकि समायोजित शिक्षामित्रों को लगातार दो साल में टीईटी सहित सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति योग्यता हासिल करने का मौका दिया है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के शासनादेश व संशोधन कानून के चलते शिक्षामित्रों को योग्यता हासिल करने के बाद नियुक्ति देने की व्यवस्था की गई है। याची आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की आशंका है कि यदि शिक्षकों के सभी पदों को भर लिया गया तो उन्हें अवसर नहीं मिलेगा, जिससे उनके अधिकारों का हनन होगा। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने टीईटी 2017 के परिणाम में खामियों के चलते सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा पर रोक लगा दी है और अब शिक्षामित्रों की याचिका ने भी शिक्षक भर्ती में पेंच फंसा दिया है। फिलहाल एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई 22 मार्च को निर्धारित की है।
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