Breaking Posts

Top Post Ad

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे आठ साल से नौकरी कर रहा शिक्षक गया पकड़ा, 10वीं फेल और बन गया प्रधानाध्यापक

फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी कर रहे शिक्षक को बेसिक शिक्षा विभाग ने पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी शिक्षक पर गिलौला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पकड़ा गया शिक्षक आठ साल से शिक्षक की नौकरी कर रहा था।
जनपद सिद्धार्थनगर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैराबाजार विकास क्षेत्र बढ़नी के सहायक अध्यापक शोभानाथ पुत्र जद्दू ने मंडलायुक्त गोण्डा से शिकायत की थी कि उनके अभिलेख पर श्रावस्ती जिले में कोई अध्यापक की नौकरी कर रहा है।

मंडलायुक्त ने इसकी जांच जिलाधिकारी श्रावस्ती को सौंपी। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षाधिकारी से जांच कराई तो मामला सही पाया गया। जांच के आधार पर खंड शिक्षाधिकारी गिलौला ओम प्रकाश मिश्र ने बुधवार को गिलौला थाने में आरोपी शिक्षक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। इसके साथ ही आरोपी शिक्षक को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार करके पूछताछ शुरू कर दी।


आठ साल से कर रहा था नौकरी, चार साल पहले मिली पदोन्नति
गिलौला। गिलौला के प्राथमिक स्कूल धनऊपुर में तैनात प्रधान शिक्षक शोभानाथ पिछले आठ साल से नौकरी कर रहा था। सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी पाए शोभानाथ की पदोन्नति वर्ष 2014 में करके प्रधानाध्यापक बना दिया गया। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग को कानों कान खबर नहीं लगी। जबकि नियम है कि नियुक्ति के बाद बिना अभिलेखों की पड़ताल के वेतन नहीं निकाला जाता है।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब शिकायतकर्ता शिक्षक ने आधार कार्ड लिंक कराया। आधार कार्ड लिंक होते ही इस बात की जानकारी हुई कि इस नाम का एक और व्यक्ति श्रावस्ती जिले में नौकरी कर रहा है। शिकायतकर्ता जनपद सिद्धार्थ नगर का है और धोखाधड़ी का आरोपी शिक्षक मूल रूप से संतकबीर नगर का बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है।

10वीं फेल और बन गया प्रधानाध्यापक

श्रावस्ती। फर्जी कागजात के सहारे नौकरी कर रहे आरोपी को 10वीं फेल बताया गया है। खंड शिक्षाधिकारी ओम प्रकाश मिश्र ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी मूल रूप से संत कबीर नगर जिले के ग्राम जमीरा पोस्ट नोटा का रहने वाला है। आरोपी 10वीं फेल है। लेकिन फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी हथिया ली। आरोपी की माने तो उसे 50 हजार रुपए में नौकरी मिली थी और नौकरी दिलाने वाला व्यक्ति अब भी प्रति माह 15 हजार रुपए उसके वेतन से लेता था।

No comments:

Post a Comment

Facebook