यूपी के इन ढाई लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देगी योगी सरकार, जानें- किस विभाग में कितने पद

लखनऊ. सरकारी नौकरी का सपना संजोये बेरोजगार युवाओं के लिये अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेसिक शिक्षा विभाग में जल्द ही 1 लाख 02 हजार 400 शिक्षकों (सहायक अध्यापक) की भर्ती करने जा रही है, वहीं सरकार यूपी पुलिस में भी डेढ़ लाख भर्तियां करने की तैयारी में है।
राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार जल्द ही यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 1 लाख 37 हजार शिक्षक भर्ती करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सहायक अध्यापकों के 68 हजार 500 पदों के लिये परीक्षा में 34 हजार 600 अभ्यर्थियों सिलेक्ट हुए थे। दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही यूपी पुलिस में डेढ़ लाख से अधिक युवाओं की भर्ती करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1 लाख 02 हजार 400 पदों (33,900+68500) पदों पर टीचर्स की भर्ती जल्द करेगी। गौरतलब है कि बीते दिनों बेसिक शिक्षा विभाग ने 68 हजार 500 पदों के लिये भर्ती परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए थे। इनमें से 40669 कैंडिडेट्स ने ही ऑनलाइन आवेदन किया था। नव नियुक्त शिक्षकों को जिले भी आवंटित कर दिये गये थे, लेकिन काउंसिलिंग से पहले आरक्षण-व्यवस्था लागू होने से 6009 अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। कैंडिडेट्स का कहना है कि आरक्षण लागू होने और शिक्षामित्रों को भारांक देने के चलते टॉप मेरिट में शामिल बड़ी संख्या में सामान्य वर्ग के कैंडिडेट बाहर हो गये हैं।

50 साल से अधिक कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करेगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 50 साल की उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की भी बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार यूपी के उन कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने जा रही है, जिनकी उम्र 50 साल या उससे अधिक है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जो कर्मचारी अच्छा काम करेंगे सरकार उन्हें प्रमोट करेगी और जो काम नहीं करेंगे, सरकार उन्हें घर भेज देगी। मुख्यमंत्री के इस कदम की तमाम कर्मचारी संगठनों ने निंदा की है। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के महासचिव राम बरण यादव ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी आदेश किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूबे के भ्रष्ट अफसर किसी से छिपे नहीं हैं। सरकार पहले उनकी स्क्रीनिंग क्यों नहीं करवाती?