बच्चे को पीटने वाले शिक्षक को मिली एक साल की जेल, सुप्रीम कोर्ट की महिला जजों की पीठ ने शिक्षक की सजा पर लगाई मुहर

यूनीफार्म के जूते न पहन कर आने पर कक्षा दो के बच्चे की छड़ी से पिटाई करने वाला शिक्षक अब एक साल की जेल काटेगा। पिटाई के दौरान शिक्षक की छड़ी से बच्चे की आंख में चोट लग गई थी और दो ऑपरेशन होने के बावजूद बच्चे की बाईं आंख की रोशनी चली गई।
सुप्रीम कोर्ट की दो महिला न्यायाधीशों की पीठ ने शिक्षक को दोषी ठहराने के हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए एक साल के कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 1यह फैसला न्यायमूर्ति आर. भानुमति व न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने दोषी शिक्षक की हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील का निपटारा करते हुए सुनाया है। हाईकोर्ट ने शिक्षक को बरी करने का निचली अदालत का फैसला पलट दिया था और बच्चे को गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराते हुए शिक्षक को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट में गत पांच सितंबर को दो जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी एक साथ पीठ में बैठी थीं। उसी दिन इस दुर्भाग्यपूर्ण केस पर अफसोस जताते हुए पीठ ने शिक्षक को दोषी ठहराने का फैसला सुनाया था। सीआर करियप्पा कर्नाटक के एक स्कूल में शिक्षक था। 1996 में कक्षा दो के छात्र के यूनीफार्म के जूते पहनकर न आने पर शिक्षक ने लकड़ी की छड़ी से उसकी पिटाई की जिससे बच्चे की आंख में चोट लग गई। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। उसकी आंख का दो बार ऑपरेशन हुआ, लेकिन फिर भी उसकी बाईं आंख की रोशनी चली गई। बच्चे के पिता ने शिक्षक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। हालांकि निचली अदालत ने पर्याप्त सुबूत न होने के आधार पर शिक्षक को बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलट दिया और शिक्षक को गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।