शिक्षक भर्ती और UPPSC परीक्षाओं में खामियों की लगातार बढ़ती रही रफ्तार: UPPSC में सुहासिनी और शिक्षक भर्ती परीक्षा में सोनिका देवी की कॉपी बदलने से गड़बड़ियां खुलना हुईं शुरू

इलाहाबाद : इसे संयोग ही कहेंगे कि उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा 2015 में सुहासिनी वाजपेयी की कॉपी बदलने का प्रकरण उछलने से सीबीआइ जांच हुई।
उसी तरह से शिक्षक भर्ती परीक्षा में सोनिका देवी की कॉपी बदलने से गड़बड़ियां खुलना शुरू हुईं और शासन को पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराना पड़ रहा है।
हालांकि शिक्षक भर्ती में नियम बदलने की शुरुआत परीक्षा होने से पहले ही शुरू हो गई थी। इम्तिहान के पहले उत्तीर्ण प्रतिशत बदला गया और परीक्षा परिणाम आने से पहले उसमें फिर बदलाव किया गया। यहां तक गनीमत रही। रिजल्ट आने के बाद परिणाम पर सवाल उठे तो उसे भी दबाने का पूरा प्रयास हुआ। इसीलिए पहले कॉपी दिखाने से इन्कार और बाद में एक माह में कॉपी उपलब्ध कराने का वादा किया गया। इस पर भी बवाल नहीं रुका तो संशोधित परिणाम देने का वादा हुआ। भर्ती की खामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कोर्ट पहुंचे पहले ही मामले से हो गई। इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता रहा, वहीं चयन सूची और जिला आवंटन की गड़बड़ी भी सामने आई। हाईकोर्ट को एक खामी मिली तो अन्य अभ्यर्थियों को तय समय में कॉपी सौंपने का निर्देश हुआ। इसमें पूरी प्रक्रिया तार-तार हो गई। इसी बीच शिक्षक दिवस के ठीक एक दिन पहले 23 अनुत्तीर्ण को नियुक्ति पत्र न देने के लिए परिषद से 14 जिलों को निर्देश जारी हुआ। उसी दिन यह भी राजफाश हुआ कि बिना परीक्षा दिए ही अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो गए हैं। सरकार ने अचयनित अभ्यर्थियों को दूसरी सूची जारी कराकर जो राहत दी उस पर यह गड़बड़ियां भारी पड़ीं