लखनऊ : प्रदेश में परीक्षाओं पर लगा ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 15 जुलाई को अवर अधीनस्थ के 641 पदों के लिए जो
परीक्षा कराई थी, उसमें भी पेपर आउट हुआ था। एसटीआइ की जांच में पेपर लीक
होने की पुष्टि हुई है।
पेपर लीक के तार बड़ौत से जुड़े होने की बात भी
सामने आई है। एसटीएफ अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज रही है। माना जा रहा है कि
आयोग जल्द इस परीक्षा को भी निरस्त करेगा। आयोग द्वारा दो सितंबर को कराई
गई नलकूप चालक परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था, जिसे निरस्त किया जा चुका
है। 1उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई को कराई गई परीक्षा में करीब 14 विभागों में
अवर अधीनस्थ के 641 पदों के लिए 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन
किया था। 15 जुलाई को कराई गई परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ
था। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। जांच में यह पता लगाने का निर्देश
दिया गया था कि सोशल मीडिया पर पेपर परीक्षा से पहले लीक हुआ अथवा परीक्षा
के बाद। एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्र को प्रकरण की जांच सौंपी गई थी।
जांच में सामने आया है कि पेपर परीक्षा से एक रात पहले सोशल मीडिया पर
वायरल हुआ था। फेसबुक पर इस पेपर को कोचिंग संचालिका नीतू सिंह ने शेयर
किया था। 1एसटीएफ ने नीतू सिंह से इस बाबत पूछताछ की तो सामने आया कि
उन्हें पेपर वाट्सएप पर अभिषेक नाम के युवक ने 14 जुलाई को फारवर्ड किया
था। तब वह एक परीक्षा का संचालन कराने के सिलसिले में जयपुर गई थीं।
व्यस्तता के चलते वह अभिषेक का मैसेज नहीं देख सकी थीं। 15 जुलाई को मैसेज
देखने पर नीतू सिंह ने उसे फेसबुक पर शेयर किया था और पूछा था कि क्या यही
पेपर परीक्षा में आया है। बाद में अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत आयोग से की
थी। शुरुआत में आयोग ने पेपर लीक की बात से इन्कार कर दिया था।
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