इलाहाबाद : सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती केवल
साक्षात्कार के आधार पर होने से कई बार सवाल उठ चुके हैं। चयन में मनमानी
की खूब शिकायतें भी हुईं और इस पर शीर्ष कोर्ट तक ने गाइड लाइन जारी की।
फिर भी उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपीपीएससी से नए विज्ञापनों पर सीधी भर्ती
केवल साक्षात्कार के आधार पर होगी। सीधी भर्ती में बदले नियम के प्रस्ताव
की फाइल मंजूरी के लिए अभी शासन में लंबित है। ऐसे में जब तक नियमावली नहीं
बदलती तब तक स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक अभ्यर्थियों की मेरिट में नहीं
जुड़ेंगे।
होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक कालेजों में चिकित्साधिकारी के 1140 से अधिक पदों
पर भर्ती के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा 30 सितंबर को कराई जा चुकी है।
एलोपैथिक चिकित्साधिकारी के 2354 पदों समेत अन्य विभागों में भर्ती के लिए
विज्ञापन जारी कर एक अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। करीब डेढ़
महीने पहले यूपीपीएससी ने सीधी भर्ती के नियम में बदलाव का निर्णय लेते हुए
शासन से इसकी मंजूरी के लिए फाइल भेजी। जिसमें यह निर्णय किया गया था कि
अब साक्षात्कार के अंकों के साथ स्क्रीनिंग परीक्षा में भी मिलने वाले अंक
जोड़े जाएंगे। इस निर्णय से पहले की नियमावली के अनुसार स्क्रीनिंग परीक्षा
केवल अभ्यर्थियों के आवेदन अधिक होने पर शार्ट लिस्टिंग के लिए होती रही
है। इस व्यवस्था में धांधली और मनमानी के भी खूब आरोप लगते रहे हैं, जबकि
यूपीपीएससी की ओर से लिए गए बदलाव के निर्णय पर अभ्यर्थियों ने राहत की
सांस ली थी।1अभ्यर्थियों में संशय है कि यूपीपीएससी की ओर से सीधी भर्ती
माध्यम के तहत जारी विज्ञापन के आधार पर जो परीक्षाएं कराई जा रही हैं
उसमें नए नियम लागू होंगे या नहीं। जिसे यूपीपीएससी ने अब स्पष्ट भी कर
दिया है। सचिव जगदीश का कहना है कि नियम में बदलाव के निर्णय को मंजूरी अभी
शासन से नहीं मिल सकी है। मंजूरी मिलने पर नियमावली में बदलाव होगा उसके
बाद ही स्क्रीनिंग परीक्षाओं में मिले अंक साक्षात्कार के साथ जोड़कर मेरिट
तय होगी। कहा कि फिलहाल जो परीक्षाएं हो रही हैं वह पुरानी नियमावली से ही
होंगी।
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