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एसआईटी ने भी शुरू की फर्जी बोर्ड मामले की जांच

कासगंज। फर्जीवाड़े में घिरे मध्य भारत ग्वालियर बोर्ड के संचालकों की चिंताएं बढ़ गई है। सीबीआई के साथ एसआईटी ने भी अपनी जांच कर दी है। बोर्ड संचालकों के ठिकाने तलाशे जा रहे हैं।

बोर्ड के फर्जी होने का मामला संज्ञान में आने के बाद वर्ष 2012 में संचालक सहित तीन लोगों को जेल भेजा गया था। वर्तमान में तीनों जमानत पर चल रहे हैं। इसके बाद से इस मामले की लगातार जांच चल रही है। 12 सितंबर को सीबीआई की टीम ने 12 सितंबर को एएसपी अखिल कौशिक के नेतृत्व में गंजडुंडवारा पहुंचकर मध्य भारत ग्वालियर बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन के संचालक की तलाश की। सीबीआई ने ठिकाना तो तलाश लिया, लेकिन संचालक नहीं मिला। सीबीआई के साथ अब लखनऊ से इस बोर्ड की एसआईटी जांच भी शुरू हुई है। एसआईटी की टीम पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जानकारी करने आई। यह बता दें कि गंजडुंडवारा में इस बोर्ड का कार्यालय गनेशपुर के सद्भावना नगर में है और इसी बोर्ड का एक जालसाज गाजियाबाद से भी फर्जीवाड़े का जाल बिछाए हुए है। हाल ही में शिक्षक भर्ती में उत्तर प्रदेश में छह अध्यापक इसी बोर्ड के दस्तावेजों से नौकरी प्राप्त कर चुके हैं उनकी भी जांच चल रही है।
तीन जांच समिति फिर भी जालसाजी
कासगंज। फर्जी बोर्ड की जांच सीबीआई, शिक्षा विभाग एवं एसआईटी की समितियां कर रहीं है, लेकिन जाल साज ने अपनी जालसाजी नहीं छोड़ी। इसका प्रमाण दिया है शिक्षक भर्ती में नौकरी पा चुके शिक्षकों ने। प्रतिबंध के बाद भी इस बोर्ड से शैक्षिक दस्तावेज जारी हो रहे हैं।
- मामले में सीबीआई के साथ साथ एसआईटी भी जांच कर रही है। एसआईटी की टीम दो बार जनपद में जांच को आ चुकी है । आरएसआर राजपूत, डीआईओएस।

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