फखरपुर(बहराइच) : फखरपुर ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बदहाल
है। समय से न तो शिक्षक स्कूल आते हैं और न ही बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक
रहती है। मिड डे मील का चूल्हा कभी-कभार ही जलता है।
विद्यालयों में ताले
भी लटके रहते हैं। शिक्षिकाएं घरों पर आराम फरमा रही हैं तो उनके पति स्कूल
में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था को ग्रहण लग गया है।
बुधवार को दैनिक जागरण ने परिषदीय विद्यालयों को रियलिटी चेक किया तो
व्यवस्था की पोल खुलती नजर आई। प्रस्तुत है रामानंद मिश्रा की रिपोर्ट -
स्थान : प्राथमिक विद्यालय परशुरामपुर। समय सुबह 9.10 बजे। यहां पर
सहायक शिक्षक धर्म विजय ¨सह मौजूद मिले। विद्यालय में 122 बच्चे पंजीकृत
हैं। चार शिक्षकों की तैनाती है। तीन शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचे थे। 24
बच्चे ही मौजूद थे। अन्य शिक्षकों के बारे में पूछने पर बताया गया कि
शिक्षक आते ही होंगे।
स्थान - प्राथमिक विद्यालय घासीपुर। समय सुबह 9.21 बजे। यहां पर चार
शिक्षकों में सिर्फ शिक्षक एहसानुल व शिक्षिका शमा बानो मौजूद मिले। सहायक
शिक्षक ने बताया कि 126 बच्चों का यहां नामांकन है। इनमें से सिर्फ 20
बच्चे ही स्कूल आए थे। स्कूल आए बच्चे पढ़ने के बजाय टहल रहे थे। विद्यालय
में साफ-सफाई नहीं हुई थी। रसोइया पुष्पा देवी झाड़ू लगा रही थी।
स्थान - उच्च प्राथमिक विद्यालय घासीपुर। समय- सुबह 9.30 बजे। यहां एक
युवक कुर्सी पर बैठा था। पूछने पर उन्होंने विद्यालय में पढ़ा रही सीमा
गुप्ता का पति बताया। शिक्षिका विद्यालय में मौजूद नहीं थी। विद्यालय
प्रधान शिक्षक, दो सहायक शिक्षक व एक अनुचर की तैनाती है। यहां पर पांच
बच्चे बैठे मिले। बच्चों ने बताया कि शिक्षक 10 या 11 बजे तक आएंगे। बताया
कि मिड डे मील कभी-कभी बनता है।
स्थान : प्राथमिक विद्यालय बंभौरा। समय - 9.43 बजे सुबह। यहां पर
शिक्षिकाएं व शिक्षामित्र मौजूद थीं। प्रधान शिक्षिका पारुल पोरवाल फोटो
खींचते देख परेशान होकर शरदपारा में तैनात अपने शिक्षक पति को फोन करने
लगी। पूछने पर बताया कि 143 बच्चे पंजीकृत हैं। 75 बच्चों की उपस्थिति होना
बताया। विद्यालय की चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है। शिक्षिका ने बताया
कि मीनू के अनुसार तहरी बनाई जा रही है। इसके बाद बच्चों को दूध भी मिलेगा।
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