ALLAHABAD: सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर
नियुक्ति के लिए आयोजित शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा को लेकर शुरू हुए विवाद
में चयनित अभ्यर्थियों की मुसीबत कम नहीं हो रही है.
शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी और लापरवाही की शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जांच
चल रही है और मामला हाईकोर्ट में भी चला गया है. इस बीच अभी तक अभ्यर्थियों
को प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया है. जबकि शासन की ओर से परिणाम जारी होने
के एक माह के अंदर सभी सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र जारी करने के
निर्देश दिए गए हैं. प्रमाण पत्र नहीं मिलने से चयनित अभ्यर्थियों को कई
तरह की मुसीबत उठानी पड़ रही है.
बिना प्रमाण पत्र अटक जाएगा वेतन
पहले टीईटी और अब लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को जिला
आवंटन के साथ नियुक्ति प्रक्रिया भले ही पूरी हो गई है. लेकिन उनको वेतन के
लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि उनका अभी तक
सत्यापन नहीं हो सका है. लिखित परीक्षा के प्रमाण पत्र निर्गत नहीं होने के
कारण नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों का सत्यापन बिना प्रमाण पत्र के नहीं
हो सकता. ऐसे में नौकरी करने के बाद भी अभी उन्हे सैलरी के लिए इंतजार करना
पड़ेगा. गौरतलब है कि सूबे में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए
पहली बार शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था. लिखित
परीक्षा के परिणाम 13 अगस्त को जारी हुए थे, ऐसे में 13 सितंबर तक सभी सफल
अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट दिए जाने थे.
मामला शासन की तरफ से चल रही उच्च स्तरीय जांच के साथ ही हाईकोर्ट में
भी है. ऐसे में दोनों जगह से निस्तारण के बिना सर्टिफिकेट देने का औचित्य
ही नहीं बनता है.
अनिल भूषण चतुर्वेदी
सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी
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