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टीईटी 2018 के तीन प्रश्नों के अंक सभी को देने का आदेश, कोर्ट का निर्देश शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सभी को करें शामिल या परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई जाए

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 के तीन विवादित प्रश्नों के अंक सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को निर्देशित किया है कि सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 20 दिसंबर के मद्देनजर या तो सभी अभ्यर्थियों को प्रोविजनल रूप से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए या फिर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी जाए तथा संशोधित परिणाम जारी करें।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने हिमांशु गंगवार व अन्य याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 18 नवंबर को हुई थी। 12 दिसंबर को इसका रिजल्ट घोषित किया गया। प्राधिकारी सचिव की ओर से जारी संशोधित उत्तर कुंजी में 14 प्रश्नों पर विवाद था। जिस पर अनेक याचिका में दाखिल की गयी। प्रश्न संख्या 66 पर कोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामसेवक दूबे से विशेषज्ञ राय मांगी थी। उन्होंने अदालत में उपस्थित होकर बताया कि जारी उत्तर कुंजी का जवाब सही है।
अदालत ने इसके अलावा उर्दू के एक प्रश्न को गलत मानते हुए सभी अभ्यर्थियों को एक अंक समान रूप से देने को कहा है। इसी प्रकार से प्रश्न पुस्तिका की सी-सीरीज का प्रश्न संख्या 38 व 59 को भी गलत माना तथा सभी को समान अंक देने को कहा है।

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