मनी लॉड्रिंग के केस में कमीशन लेकर भर्ती करने के आरोपी नरेंद्र प्रताप
सिंह को मनी लॉड्रिंग कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। आरोपी ट्रायल कोर्ट की
सुनवाई में लगातार गैरहाजिर रह रहा था।
वर्ष 2011 में टीईटी भर्ती में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन, नरेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य ने भर्तियों के लिए कमीशन लिया था। इस मामले में 1.13 करोड़ रुपये के लगभग कमीशन ली गई। यह रकम एटा पुलिस ने बरादम की थी। जिसके बाद निदेशक संजय मोहन की मिलीभगत का खुलासा हुआ था।
इस घोटाले में वर्ष 2011 में यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। बाद में यह केस ईडी ने भी दर्ज कर पड़ताल शुरू की। ईडी की लखनऊ इकाई मामले में जांच कर रही है। ईडी ने 2015 में मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए कोर्ट में प्रक्रिया शुरू की थी। यह ट्रॉयल अभी चल रहा है। ट्रॉयल कोर्ट ने इस मामले में आरोपी की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
वर्ष 2011 में टीईटी भर्ती में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन, नरेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य ने भर्तियों के लिए कमीशन लिया था। इस मामले में 1.13 करोड़ रुपये के लगभग कमीशन ली गई। यह रकम एटा पुलिस ने बरादम की थी। जिसके बाद निदेशक संजय मोहन की मिलीभगत का खुलासा हुआ था।
इस घोटाले में वर्ष 2011 में यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। बाद में यह केस ईडी ने भी दर्ज कर पड़ताल शुरू की। ईडी की लखनऊ इकाई मामले में जांच कर रही है। ईडी ने 2015 में मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए कोर्ट में प्रक्रिया शुरू की थी। यह ट्रॉयल अभी चल रहा है। ट्रॉयल कोर्ट ने इस मामले में आरोपी की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया।