उत्तर प्रदेशः 19,555 शिक्षकों के पद सृजन में लगा अड़ंगा
वित्त विभाग ने प्राइमरी स्कूलों के लिए 19,555 शिक्षकों के पदों के सृजन में अडंगा डाल दिया है। अब बेसिक शिक्षा विभाग विशेषज्ञों से परामर्श लेकर जल्द ही इसका जवाब दाखिल करेगा ताकि इसे दूर किया जा सके।
वित्त विभाग ने प्राइमरी स्कूलों के लिए 19,555 शिक्षकों के पदों के सृजन में अडंगा डाल दिया है। अब बेसिक शिक्षा विभाग विशेषज्ञों से परामर्श लेकर जल्द ही इसका जवाब दाखिल करेगा ताकि इसे दूर किया जा सके।
केन्द्र से लिखित आश्वासन मिलने पर ही पद सृजन की संभावना- विभाग ने वित्त विभाग से शिक्षकों के19,555 पदों के सृजन की अनुमति मांगी थी। ये पद सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2011 से अब तक नए बने स्कूलों के लिए थे। लेकिन वित्त विभाग ने यह कहते हुए अडंगा डाल दिया है कि पहले केन्द्र सरकार लिखित तौर पर यह कहे कि वह शिक्षकों के वेतन के लिए 65 फीसदी अंश देने के लिए तैयार है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, केन्द्र लिखित तौर पर इस मामले में कुछ लिख कर नहीं देगा क्योंकि ये नीतियों के मुताबिक नहीं है।
जब पहले से अनुमति तो ये आपत्ति क्यों-वित्त विभाग की यह आपत्ति अधिकारी इसलिए भी सही नहीं मान रहे हैं क्योंकि जब केन्द्र नए स्कूल देता है तो उसके साथ ही शिक्षकों के पद सृजन की अनुमति भी देता है। जब राज्य शिक्षकों के पद सृजित कर लेता है तो केन्द्र सरकार उसी वर्ष से शिक्षकों के वेतन के मद में बजट भी देने लगती है। जब केन्द्र पद सृजन की अनुमति दे चुका है तो इसका कोई औचित्य नहीं है।
बढ़ेगा व्यय भार-सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार पर इन पदों के सृजित होने से काफी व्यय भार बढ़ेगा क्योंकि हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग में ढाई लाख से ज्यादा भर्तियां हुई हैं। ऐसे में राज्य सरकार का खर्चा पहले ही बढ़ चुका है। इसलिए वित्त विभाग अडंगा डाल रहा है। सर्व शिक्षा अभियान की योजनाओं में राज्य सरकार 35 फीसदी का अंश देती है।