राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सचिव से शासन ने
जवाब तलब किया है। शासन ने बोर्ड के सचिव जितेंद्र कुमार से पूछा है किस
अधिकार के तहत उन्होंने आमेलित किये गए विषय विशेषज्ञों की सेवा शर्तो के
बारे में 26 मई को मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए।
यह भी कहा है कि उसके द्वारा जारी अधिनियमों, शासनादेशों में निर्धारित व्यवस्था को स्पष्ट किए जाने का अधिकार सिर्फ शासन को है। ऐसे में बोर्ड के सचिव ने बोर्ड अधिनियम-1982 की धारा-9 में निर्धारित व्यवस्था के विपरीत जाकर आदेश कैसे जारी कर दिए। इस आदेश का कोई औचित्य नहीं था। यह कार्य शासकीय दायित्वों के प्रति उदासीनता, कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता है। शासन ने बोर्ड के सचिव से मनमानी आदेश जारी करने के मामले में 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। अगर तय समय सीमा में स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो यह समझा जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है। फिर गुण-दोष के आधार पर आपके खिलाफ निर्णय किया जाएगा। गौरतलब है कि 26 मई को बोर्ड के सचिव ने शासनादेश की अनदेखी कर सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को शिक्षक पद पर आमेलित विषय विशेषज्ञों को प्रशासनिक लाभ देने के आदेश जारी कर दिए थे। शासन ने मामला सामने आने पर गत दिनों चयन बोर्ड की ओर से जारी किये गए मार्गदर्शी सिद्धांत को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था।6आमेलित किये गए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशासनिक लाभ देने का मामला
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
यह भी कहा है कि उसके द्वारा जारी अधिनियमों, शासनादेशों में निर्धारित व्यवस्था को स्पष्ट किए जाने का अधिकार सिर्फ शासन को है। ऐसे में बोर्ड के सचिव ने बोर्ड अधिनियम-1982 की धारा-9 में निर्धारित व्यवस्था के विपरीत जाकर आदेश कैसे जारी कर दिए। इस आदेश का कोई औचित्य नहीं था। यह कार्य शासकीय दायित्वों के प्रति उदासीनता, कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता है। शासन ने बोर्ड के सचिव से मनमानी आदेश जारी करने के मामले में 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। अगर तय समय सीमा में स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो यह समझा जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है। फिर गुण-दोष के आधार पर आपके खिलाफ निर्णय किया जाएगा। गौरतलब है कि 26 मई को बोर्ड के सचिव ने शासनादेश की अनदेखी कर सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को शिक्षक पद पर आमेलित विषय विशेषज्ञों को प्रशासनिक लाभ देने के आदेश जारी कर दिए थे। शासन ने मामला सामने आने पर गत दिनों चयन बोर्ड की ओर से जारी किये गए मार्गदर्शी सिद्धांत को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था।6आमेलित किये गए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशासनिक लाभ देने का मामला
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details