शिक्षकों के इनकार से रैपिड सर्वे पर संकट : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

लखनऊ आशीष गुप्ता राजेराजधानी के गांवों में 15 जून से शुरू होने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग की गिनती (रैपिड सर्वे) पर संकट खड़ा हो गया है। एक हफ्ते के समयबद्ध कार्यक्रम के बावजूद शनिवार को प्रशिक्षण से 86 फीसदी कर्मचारी (प्रगणक) नदारद रहे। पुनरीक्षण के बाद अब शिक्षकों ने रैपिड सर्वे करने से भी इनकार कर दिया है। सर्वे से पहले रविवार का दिन शेष बचा है।
बावजूद इसके प्रशासन सर्वे के लिए कम पड़ रहे एक हजार से अधिक कर्मचारियों का इंजताम नहीं कर पाया है। जबकि 21 जून को सर्वे पूरा कर रिपोर्ट जमा करनी है। प्रशासन की यह लापरवाही पिछड़ी जाति की सटीक गिनती पर भारी पड़ सकती है।

फिर लगाए गए शिक्षक : पंचायत की मतदाता सूची पुनरीक्षण में बीएलओ डय़ूटी से इनकार कर चुके प्राथमिक व जूनियर के शिक्षकों को प्रशासन ने रैपिड सर्वे में भी लगा दिया। सर्वे के लिए जरूरी 1416 प्रगणकों में 80 फीसदी शिक्षक ों को तैनात किया गया है। इससे माल ब्लाक में छह शिक्षकों के अलावा अन्य ब्लाकों में प्रशिक्षण लेने एक भी शिक्षक नहीं आए। गोसाईंगंज में तो 193 प्रगणकों में से एक कर्मचारी भी प्रशिक्षण में नहीं पहुंचा। अन्य ब्लाकों का भी यही हाल रहा।कहां से आएंगे सर्वे के लिए कर्मचारी रैपिड सर्वे जैसे अति महत्वपूर्ण काम के लिए कर्मचारियों को जुटा पाना आसान न होगा। सर्वे के लिए 1416 में से अभी तक मात्र 232 कर्मचारियों ही आए है। अब करीब एक हजार शिक्षकों के स्थान पर किन कर्मचारियों को सर्वे में लगाया जाएगा प्रशासन के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी। शिक्षकों के स्थान पर अधिकारी अब शिक्षामित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ियों को यह जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।

’ प्रशिक्षण में एक हजार से अधिक कर्मचारी नदारद
’ 15 से 21 जून तक पिछड़ी जाति की गिनती

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